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    पीलीभीत में रोड पर शावकों संग घूमती नजर आई बाघिन, देखकर रोमांच‍ित हुए पर्यटक और राहगीर

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 03:05 PM (IST)

    माधोटांडा-खटीमा मार्ग पर एक बाघिन अपने दो शावकों के साथ घूमती हुई दिखाई दी, जिससे पर्यटक रोमांचित हो गए। यह मार्ग घने जंगल से गुजरता है और वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। वन विभाग ने सुरक्षा के लिए बैरीकेडिंग लगाई है और वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए निगरानी रखता है।

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    संवाद सूत्र, माधोटांडा। माधोटांडा क्षेत्र से उत्तराखंड को जोड़ने वाला खटीमा मार्ग अक्सर वन्यजीवों के विचरण के मामले में चर्चा में रहता है। खासकर बाघों की यहां खूब चहलकदमी रहती है। अब एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ, जिसमें एक बाघिन दो शावकों के साथ मार्ग पर विचरण करती हुई नजर आ रही है।

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    माधोटांडा खटीमा मार्ग पर काफी घना जंगल है। यह मार्ग लगभग 30 किलोमीटर तक महोफ और उत्तराखंड की सुरई वन क्षेत्र से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर राहगीरों और पर्यटकों को वन्यजीव विचरण करते हुए अक्सर दिखाई देते हैं। कभी बाघ तो कभी भालू यहां से गुजरने वाले लोगों को खूब रोमांचित करते रहते हैं। रविवार को एक बाघिन ने अपने दो शावकों के साथ पर्यटकों और राहगीरों को खूब रोमांचित किया।

    दरअसल, कुछ पर्यटक मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस से चूका बीच की ओर जा रहे थे, उधर कुछ राहगीर भी खटीमा की ओर जा रहे थे। तभी एक बाघिन मार्ग पर घूमते हुए नजर आई। बाघिन को देखकर वाहनों के पहिए थम गये। बाघिन मार्ग के बीचोंबीच घूमती रही और कुछ देर के बाद जंगल के भीतर जाने लगी। तभी झाड़ियों से निकले उसके दो शावक भी मार्ग पर आ गए। दोनों शावकों भी मार्ग से होते हुए बाघिन के पीछे पीछे चल दिये।

    पर्यटक और राहगीर यह नजारा देखते रहे। पर्यटकों ने उनकी वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दी। इस मार्ग पर पहले भी बाघिनें अपने शावकों के साथ देखी गई है। इस मार्ग पर आवागमन अधिक होने से वन विभाग ने मार्ग पर बैरीकेडिंग भी करा दी है। जिससे यहां से गुजरने वाले वाहन धीरे से गुजर सकें। वन्यजीवों की सुरक्षा को देखते हुए यहां से गुजरने वाले प्रत्येक वाहनों की इंट्री भी की जाती है।

    वन विभाग की टीमें भी इस मार्ग पर गश्त करती रहती हैं। रेंजर सहेंद्र कुमार यादव ने बताया कि हमारी टीमें इस मार्ग पर विचरण करने वाले वन्यजीवों की निगरानी करती रहती हैं। यहां पर गुजरने वाले वाहनों को धीमी गति से चलने के निर्देश दिए जाते है