हाथियों से जिस युवक को तलाश रही थे, अधखाया शव नहर किनारे पड़ा मिला, जंगल में लकड़ी बीनते समय खींच ले गया था बाघ
Pilibhit News सोमवार को बाघ युवक को जंगल के अंदर खींच ले गया था। 22 घंटे बाद उसका शव मिला है। घटना की जानकारी पूरे क्षेत्र में फैलने से माधोटांडा पीलीभीत मार्ग पर मथना बैरियर के पास भी काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए और उसकी तलाश के लिए निकले। ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति रोष देखा जा रहा है।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जंगल के भीतर सफाई करने के बाद लकड़ी बीन रहे युवक का दूसरे दिन अधखाया शव नहर पटरी के पास पड़ा मिल गया है। माधोटांडा थाना क्षेत्र के गांव जमुनिया निवासी गंगाराम अपने कुछ साथियों के साथ सोमवार को दोपहर मथना बीट में जंगल के अंदर सफाई करने के लिए पहुंचे थे।
घटनास्थल पर मिला था ये सामान
सफाई के बाद लकड़ी बीन रहे गंगाराम अचानक लापता हो गए। साथियों और ग्रामीणों ने उनकी तलाश करने के बाद घटनास्थल के पास में ही उनके जूते और गमछा पड़ा मिला। जिससे यह प्रतीत हो गया कि गंगाराम को बाघ जंगल में खींच ले गया। ग्रामीण अंधेरा होने तक गंगाराम की तलाश करते रहे। लेकिन ग्रामीणों को सफलता न मिल सकी।
ट्रैक्टरों से पहुंचे लोग
ये भी पढ़ेंः UP News: जिस बेटी को 12वीं पास कराने की तैयारी करा रहा था परिवार, वो अपने प्रेमी संग हुई फरार, घर से ले गई जेवरात
तलाश के लिए निकले ग्रामीण
मंगलवार सुबह सैकड़ों ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रालियों से एकत्रित होकर युवक की तलाश करने के लिए मथना बैरियर के पास पहुंच गए लेकिन खतरे की आशंका को देखते हुए वन विभाग कर्मियों ने ग्रामीणों को जंगल के भीतर जाने से रोक दिया। साथ ही वन कर्मियों ने स्वयं गंगाराम की तलाश करने की बात कही। वन विभाग की टीम में जंगल के भीतर लापता की तलाश करती रही।
माधोटांडा पीलीभीत मार्ग पर मथना बैरियर के पास काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। इस बीच कुछ ग्रामीण जंगल के किनारे आसपास के क्षेत्र में भी तलाश करते रहे। इसी दौरान दोपहर करीब पौने बारह बजे गंगाराम का अधखाया हुआ शव निगोही ब्रांच नहर की पटरी के पास पड़ा मिल गया।
जंगल के भीतर जिस स्थान पर युवक अचानक लापता हो गया था, वहां से नहर इस पटरी की दूरी लगभग आधा किमी दूर हैं। संभावना जताई जा रही है कि गंगाराम को दबोचने के बाद बाघ उन्हें नहर की पटरी पर खींच ले गया।
सुरक्षा का नहीं है इंतजाम
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग ग्रामीणों को लकड़ी का लालच देकर सफाई करवाने के लिए जंगल के भीतर ले जाते हैं। लेकिन उनकी सुरक्षा व्यवस्था का कोई भी इंतजाम नहीं किया जाता। पूरे दिन सफाई करवाने के बाद सिर्फ थोड़ी सी लकड़ी ही उनको दी जाती है। गंगाराम और उसके साथियों समेत 40 लोग सोमवार को जंगल के भीतर गए थे।
उधर प्रभागीय वनाधिकारी नवीन खंडेलवाल का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जा रही है। उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।