SP अभिषेक यादव की मॉनिटरिंग में फेल हुए हजारा थानाध्यक्ष, सिद्धार्थ उपाध्याय लाइन हाजिर, अमित को कमान
पीलीभीत के नेपाल सीमावर्ती हजारा थाने को संवेदनशील माना जाता है। एसपी अभिषेक यादव ने थानाध्यक्ष सिद्धार्थ उपाध्याय को लाइन हाजिर कर दिया है। उनके स्थान पर जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह को हजारा थानाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह फेरबदल क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया है। पिछले लंबे समय से हजारा थाना क्षेत्र में मतांतरण का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जनपद के नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के हजारा थाना को बेहद संवेदनशील माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ साथ शारदा नदीं में संभावित बाढ़ की वजह हजारा थाना महत्वपूर्ण है। ऐसे में हजारा थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी खास होती है। पिछले लंबे समय से हजारा थाना क्षेत्र में मतांतरण का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। इसके अलावा सीमावर्ती क्षेत्र में अवांछनीय गतिविधियां भी होती रही हैं।
हजारा थानाध्यक्ष सिद्धार्थ उपाध्याय की कार्यशैली की मॉनिटरिंग की गई। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने हजारा थानाध्यक्ष सिद्धार्थ उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। उनके स्थान पर पुलिस अधीक्षक के अपने जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह को हजारा थानाध्यक्ष नियुक्त किया है।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि हजारा थाना क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था करने के लिए यह फेरबदल किया गया है।
दोगुना करने के लालच में ठगी
जहानाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम हरचुईया निवासी मनोज कुमार पुत्र राम कुमार ने कोर्ट के आदेश पर थाना सुनगढ़ी में दर्ज कराई प्राथमिकी में बताया कि प्रमोद अग्रवाल, नितिन अग्रवाल, दीपक अग्रवाल ने बालाजी इंटरप्राइजेज फाइनेंस कंपनी नाम से मधुवन कालोनी स्टेशन रोड पर फाइनेंस कंपनी खोली। उक्त कंपनी में संचालकों ने जनता के बचत खाता, एफडी, मासिक जमा योजना और डेली डिपोजिट योजना के अंतर्गत खाते खोले गए।
अधिक ब्याज देने का भी दिया प्रलोभन
खाता धारकों को कम समय में दोगुणा धन करने और अधिक ब्याज देने का प्रलोभन दिया गया। उसने भी 25 जुलाई 2014 को मासिक जमा आरडी खाता दो हजार रुपये प्रति माह का खोला, उसने अपने खाते में कुल 58 हजार रुपये जमा किए। 26 जनवरी 2017 को जब वह रुपये जमा करने कंपनी में गया तो कंपनी बंद थी। जिसपर उसने उक्त लोगों के आवास पर संपर्क किया तो उन्होंने टाल मटोल की।
रुपये मांगने पर आरोपितों से की गाली गलौज
एक मार्च 2021 को संचालकों ने उसको दस हजार रुपये देकर कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए। शेष रुपये बाद में देने का वादा किया। 16 अगस्त 2024 को जब उसने रुपये वापस मांगे तो आरोपितों ने रुपये देने से मना करते हुए गालीगलौज की। रुपये वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी दी। आरोपितों ने उसका ब्याज समेत डेढ़ लाख रुपये हड़प लिया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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