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    फिर बंद हो गई रेशम धागा फैक्ट्री

    रुहेलखंड की इकलौती रेशम धागा उत्पादन फैक्ट्री फिर बंद हो गई है। कई वर्ष तक बंद पड़े रहने के बाद पिछले साल अक्टूबर में नई मशीनों की स्थापना के बाद इसे चालू करा दिया गया थालेकिन कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी का दौर शुरू हुआ तो लॉकडाउन में करीब तीन महीने फैक्ट्री बंद पड़ी रही।

    By JagranEdited By: Updated: Sun, 26 Jul 2020 10:49 PM (IST)
    फिर बंद हो गई रेशम धागा फैक्ट्री

    पीलीभीत,जेएनएन : रुहेलखंड की इकलौती रेशम धागा उत्पादन फैक्ट्री फिर बंद हो गई है। कई वर्ष तक बंद पड़े रहने के बाद पिछले साल अक्टूबर में नई मशीनों की स्थापना के बाद इसे चालू करा दिया गया था,लेकिन कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी का दौर शुरू हुआ तो लॉकडाउन में करीब तीन महीने फैक्ट्री बंद पड़ी रही। अनलॉक-1 लागू होने पर फैक्ट्री पुन: चलने लगी थी लेकिन अब निकट का एरिया कंटेनमेंट जोन घोषित हो गया। ऐसे में फैक्ट्री को कुछ दिन के लिए फिर बंद कर देना पड़ा।

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    टनकपुर हाईवे पर दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के ठीक पीछे रेशम धागा उत्पादन फैक्ट्री करीब तीन दशक पहले स्थापित हुई थी। फैक्ट्री से हरदोई, शाहजहांपुर, रामपुर, बरेली, बदायूं, मुरादाबाद, जेपीनगर को जोड़ा गया। इन जिलों में संचालित रेशम कीट पालन केंद्रों से काकून मंगाने की व्यवस्था कराई गई। जिले में भी करीब ढाई सौ किसानों को रेशम कीट पालन से जोड़ा गया। शुरुआत के वर्षों में तो फैक्ट्री सही सलामत चलती रही। इसके बाद कुप्रबंधन के चलते फैक्ट्री को घाटा होने लगा। इस कारण फैक्ट्री को बंद कर दिया गया। चार साल पहले एक सहकारी संस्था को इसे संचालित करने के लिए दे दिया गया। संस्था ने एक साल फैक्ट्री का संचालन करने के बाद हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद शासन के रेशम विकास विभाग ने फैक्ट्री की पुरानी मशीनें नीलाम कराने और उनके स्थान पर नई मशीनें लगाने के लिए दस लाख रुपये का बजट आवंटित किया। पुरानी मशीनें नीलाम हो गईं लेकिन नई मशीनें आने में देरी हुई। पिछले साल सितंबर में नई मशीनें लग सकीं। अक्टूबर में महिलाओं के समूह के माध्यम से रेशम धागा उत्पादन शुरू हुआ। मार्च में कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी शुरू हो जाने पर लॉकडाउन हुआ तो फैक्ट्री बंद हो गई। मई तक फैक्ट्री बंद पड़ी रही। जब अनलॉक-1 घोषित हुआ, तब उत्पादन शुरू हो सका। तीन दिन पहले फैक्ट्री से सटे मुहल्ला अवध नगर में कोरोना संक्रमित पाने के बाद पूरा एरिया कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। फैक्ट्री को फिर बंद कर दिया गया। इनसेट

    पिछले साल अक्टूबर से लेकर अब तक कुल ढाई क्विंटल रेशम धागा का उत्पादन हुआ है। उत्पादित धागा बनारस व मऊ के कारोबारी खरीद ले गए। अब कंटेनमेंट जोन खत्म होने के बाद फिर उत्पादन शुरू हो जाएगा।

    -एमके गौतम, रेशम विकास अधिकारी