पीलीभीत टाइगर रिजर्व में मिला सबसे अनोखा जीव, 89 साल बाद देखा गया रेड कोरल कुकरी सांप
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 89 साल बाद दुर्लभ रेड कोरल कुकरी सांप देखा गया। यह सांप एक खेत में जाल में फंसा हुआ था जिसे ग्रामीणों और वन्यजीव विशेषज्ञ ने मिलकर बचाया। विशेषज्ञ मोहम्मद कासिम ने बताया कि यह सांप 1936 के बाद पहली बार देखा गया है और यह जहरीला नहीं होता। टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। टाइगर रिजर्व की जैव विविधता देश दुनिया में प्रसिद्ध हो रही है। यहां न केवल बाघ बल्कि ऐसे दुर्लभ जीव पाए जा रहे हैं। जो अब महज रिकॉर्डों में ही देखने को मिला करते हैं। कुछ दिन पहले टाइगर रिजर्व से सटे गांव में दुर्लभतम सांप पाया देखा गया। जो खेत में लगे जाल में फंसा हुआ था। उसे ग्रामीणों की सहायता से नेचुरलिस्ट ने नया जीवन दिया।
टाइगर रिजर्व एक ऐसा स्थान है जो अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध हो रहा है। यहां की हरी-भरी वादियों में न केवल बाघ जैसे शक्तिशाली वन्यजीव विचरण करते हैं, बल्कि यहां ऐसे दुर्लभ जीव भी पाए जा रहे हैं जिनका दिखना अब एक अद्भुत अनुभव माना जाता है।
हाल ही में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज से सटे महोफ गांव में एक अनोखा सांप मिला, जिसे रेड कोरल कुकरी कहा जाता है। यह सांप खेत में लगे जाल में फंस गया था, जिससे इसकी जान खतरे में थी। ग्रामीणों ने समझदारी दिखाते हुए नेचुरलिस्ट मोहम्मद कासिम को सूचना दी।
मोहम्मद कासिम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर इस दुर्लभ सांप को रेस्क्यू किया और सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि भारत में यह सांप बेहद कम देखा जाता है। जिसे पहली बार 1936 में देखा गया था। जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची चार में सूचीबद्ध।
यह सांप जहरीला नहीं होता। जो केलव रात में सक्रिय रहता है। ऐसा नहीं यह पहला सांप है जो अद्भुत है इसके तरह यहां 16 प्रजातियां चिह्नित की जा चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि यह रिजर्व शारदा और सुहेली नदियों के किनारे बसा है, जो इसकी जैव विविधता को और समृद्ध बनाता है। जो टाइगर रिजर्व के संरक्षण प्रयासों को मजबूत करती है और जैव विविधता के संरक्षण के महत्व को उजागर करती है।
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