Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pilibhit Tiger Attack: पीलीभीत में बाघ के हमले में एक और मौत, 27 दिन में पांचवा केस

    Updated: Mon, 09 Jun 2025 08:32 PM (IST)

    पीलीभीत में गर्मी के साथ बाघों के हमले बढ़ रहे हैं। पिछले 27 दिनों में यह पाँचवीं घटना है जिसमें मेवातपुर गांव के मुकेश नामक ग्रामीण की बाघ के हमले मे ...और पढ़ें

    Hero Image
    बाघ ने हमला कर शख्‍स को उतारा मौत के घाट।

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। गर्मी के साथ बढ़ते बाघों के हमले में एक और ग्रामीण की मौत हो गई, जोकि 27 दिन में पांचवीं है। इस बार टाइगर रिजर्व से निकले बाघ का हमला शहर से 18 किमी दूर मेवातपुर गांव के मुकेश पर हुआ। वह रविवार को सिंचाई करने खेत पर गए थे, सोमवार सुबह उनका शव मिला। उनके शव पर बाघ के हमले के निशान देख गुस्साए ग्रामीणों का कहना था कि रोकथाम के इंतजाम नहीं हो रहे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस पर वनाधिकारियों ने तर्क दिया कि कुछ ग्रामीणों ने फेंसिंग तोड़ दी थी, इसी कारण बाघ जंगल से बाहर आ गया। अब वहां दोबारा तार लगवाए जाएंगे। मुकेश के खेत से जंगल सिर्फ 300 मीटर दूर है। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि जंगल से सटा क्षेत्र होने के कारण आए दिन बाघ के हमले का खतरा रहता है। इसे ध्यान में रखकर जंगल क्षेत्र में तार फेंसिंग हुई थी, ताकि वन्यजीव बाहर नहीं आ सकें। कुछ महीने पहले कई स्थानों पर तार टूट गए, इसके बावजूद किसी अधिकारी ने गौर नहीं किया।

    रविवार रात को मुकेश खेत पर सिचाई कर रहे थे, उसी समय जंगल से निकले बाघ ने हमला कर दिया। सोमवार सुबह खेतों पर गए ग्रामीणों ने उनका शव गड्ढे में देखा। प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने घटना की पुष्टि की। अधिकारियों का कहना था कि लकड़ी बीनने के लिए कुछ ग्रामीणों ने तार फेंसिंग तोड़ दी होगी, उसी रास्ते बाघ आ गया। मृतक के स्वजन को मुआवजा दिलाया जाएगा। बाघ जंगल से निकलकर बाहर क्यों आ रहे, इस पर विशेषज्ञ कहते हैं कि हर बार गर्मी में ऐसा होता है।

    जंगल में भी तालाब-पोखर हैं, मगर कई बार उन स्थानों के बजाय बाघ पानी तलाशते हुए बाहर आ जाते हैं। नहर पटरी, तालाब, खेत के ट्यूबवेल आदि स्थानों पर विचरण के दौरान शिकार की आवश्यकता पड़ने पर मानव पर हमले भी कर देते हैं। जंगल से निकले बाघ किसी एक क्षेत्र नहीं बल्कि अलग दिशाओं में हमले कर चुके हैं।

    • 13 मई को हरीपुर रेंज से निकले बाघ ने दुर्जनपुर कला में किसान का शिकार किया था।
    • 18 मई को हरीपुर गांव में किसान को मारा, यह लखीमपुर खीरी का वनक्षेत्र है।
    • 25 मई को खिरकिया में महिला पर हमला हुआ, जोकि उत्तरी सेहरामऊ क्षेत्र का हिस्सा है।
    • तीन जून को शांतिनगर में महिला को बाघ खा गया था, ट्रांस शारदा का यह क्षेत्र नेपाल सीमा से सटा हुआ है।

    अब तक क्या हुआ?

    प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि 13 और 18 मई को हमला करने वाला बाघ पकड़कर लखीमपुर खीरी के जंगल में भेजा जा चुका है। 25 मई को जिस बाघ ने हमला किया, उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। उसकी तलाश के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है। इस बाघ को पकड़ लिया जाए, इसके बाद तीन जून और आठ जून को हमला करने वाले बाघों की तलाश करेंगे।