Pilibhit News: एक दिन बाद जंगल में लौटा बाघ, वन विभाग की टीम ने ली राहत की सांस
माधोटांडा क्षेत्र के रानीगंज के एक ग्रामीण को मथना जप्ती जंगल के किनारे एक बाघ में गत दिवस दौड़ा लिया था। इसके बाद ग्रामीण ने मचान पर चढ़कर खुद की जान बचाई। वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर बाघ की निगरानी में जुट गई। दिन भर बाघ जंगल के किनारे ही अपना डेरा जमाए रहा। शाम होते ही बाघ जंगल के भीतर चला गया।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। माधोटांडा क्षेत्र के रानीगंज के एक ग्रामीण को मथना जप्ती जंगल के किनारे एक बाघ में गत दिवस दौड़ा लिया था। इसके बाद ग्रामीण ने मचान पर चढ़कर खुद की जान बचाई। वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर बाघ की निगरानी में जुट गई। दिन भर बाघ जंगल के किनारे ही अपना डेरा जमाए रहा। शाम होते ही बाघ जंगल के भीतर चला गया। सुरक्षा की दृष्टि से रात्रि में ही वन विभाग की टीम निगरानी करती रही।
रानीगंज और मथना जप्ती के आसपास के इलाकों में इन दिनों बाघ की काफी दहशत बनी हुई है। रानीगंज के दो किसानों की बाघ के हमले से मृत्यु हो जाने के बाद से लगातार बाघ जंगल के किनारे दस्तक दे रहा है। चार दिन पूर्व भी एक बाघ जंगल से बाहर निकाल कर बिल्कुल सड़क पर आ गया। बाघ घूमता हुआ नहर के भीतर भी मस्ती करता रहा। आए दिन बाघ ग्रामीणों के सामने आ रहा है।
उधर, क्षेत्र के ग्रामीण यह दावा कर रहे हैं यह वही बाघ है जिसने रानीगंज के दोनों किसानों पर हमला किया था। जंगल से बाहर निकल रहे बाघ की निगरानी में वन विभाग कोई भी कसर नहीं छोड़ रहा है। लेकिन फिर भी बाघ वन विभाग के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इतना विस्तृत वन क्षेत्र होने से वन विभाग के कर्मचारियों को यह पता ही नहीं चल पाता कि बाघ किस स्थान से बाहर आ रहे हैं।
जंगल के किनारे तार फेंसिंग ना होने से किसानों की जान तो खतरे में बनी हुई है ही, इसके साथ ही वन विभाग के कर्मचारियों को भी बाघ की निगरानी और गस्त करने में काफी दिक्कतों का सामना हो रहा है। आए दिन बाघ ग्रामीणों पर हमला कर रहे हैं। ऐसे में वन विभाग के पास में स्टाफ की कमी है। इतनी निगरानी करने के बावजूद भी कहीं ना कहीं से बाघ बाहर आ ही जाते हैं।
वन विभाग की टीम जंगल के किनारे कृषि करने वाले लोगों को झुंड के रूप में जंगल के किनारे जाने के लिए जागरुक कर रहे हैं। बुधवार को दिन में वन विभाग की टीम बाघ को जंगल के भीतर खदेड़ने के काफी प्रयास करती रही। लेकिन बाघ खाई में छुपा बैठा रहा। शाम होते ही बाघ स्वयं ही जंगल के भीतर चला गया तो वन विभाग की टीम ने राहत की सांस ली। लेकिन फिर भी रात भर टीम जंगल के किनारे डटी रहीं।
गुरुवार को भी वन विभाग के कर्मचारी जंगल के किनारे उसी स्थान पर बाघ की निगरानी कर रहे हैं। जहां पर से बाघ बार-बार बाहर आ रहा है। माला वन क्षेत्र के क्षेत्राधिकार रोबिन सिंह ने बताया कि लगातार तीन बाघ की निगरानी के लिए मुस्तैद है। रात्रि में भी हमारी टीम मौजूद रही। वन क्षेत्र होने के कारण वन्य जीव बाहर आ रहे हैं। उधर हम लोग ग्रामीणों को भी जंगल के किनारे झुंड बनाकर जाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।