Pilibhit News: नवजात शिशु की मौत पर ग्रामीणों ने नर्सिंग होम पर किया हंगामा, प्रभावशाली लोगों ने कर दिया समझौता
पीलीभीत के एक नर्सिंग होम में डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया। परिवार ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया और मुकदमा दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और जांच के आदेश दिए। बाद में गांव के प्रभावशाली लोगों ने नर्सिंग होम और परिजनों के बीच समझौता करा दिया।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। बीसलपुर शाहजहांपुर मार्ग स्थित राजेश्वरी नर्सिंग होम में बीती रात महिला की डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मृत्यु हो जाने के मामले को लेकर उसके परिवार के लोगों ने नर्सिंग होम पर जमकर हंगामा किया। सूचना के बाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए।
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बिहारीपुर कुर्मिखा निवासी शेर सिंह ने कोतवाली में दी गई तहरीर में आरोप लगाते हुए कहा कि 29 जुलाई को शाम 5:30 बजे वह अपने भाई मनोज की पत्नी अर्चना देवी को शाहजहांपुर मार्ग स्थित धर्म कांटे के पास स्थित राजेश्वरी नर्सिंग होम में प्रसव हेतु ले गए थे।
अर्चना देवी के रात में 2:20 बजे लगभग बेटे का जन्म हुआ। कुछ देर बच्चे के ठीक रहने के बाद उसकी अचानक मृत्यु हो गई। जिसके बाद अर्चना देवी के परिवार के बड़ी संख्या में लोग सुबह होते ही नर्सिंग होम पर एकत्र हो गए और उन्होंने बच्चे के प्रति डॉक्टर द्वारा लापरवाही बरतने में उसकी हुई मृत्यु का आरोप लगाते हुए नर्सिंग होम पर हंगामा किया।
नर्सिंग होम स्वामी के विरुद्ध कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत करने की मांग उठाई। नर्सिंग होम पर हंगामा काट रहे लोगों को शांत करने के लिए, नगर पुलिस प्रभारी शरद यादव के नेतृत्व में कोतवाली पुलिस नर्सिंग होम पहुंच गई। उन्होंने हंगामा कर रहे लोगों को समझना शुरू किया। किंतु उन्होंने उनकी एक न मानी।
इसके पश्चात कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार शुक्ला पुलिस बल के साथ नर्सिंग होम पहुंचे ।और उन्होंने हंगामा कर रहे लोगों को समझाया इसके पश्चात वह नवजात शिशु का पोस्टमार्टम कराने तथा नर्सिंग होम के डॉक्टर की जांच करने की बात ग्रामीण कहने लगे।
प्रभारी निरीक्षक के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने नवजात शिशु का पोस्टमार्टम करने के लिए कपड़ा मंगा लिया। इधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आलोक कुमार के पास पहुंची शिकायत के बाद उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर मोहम्मद आजम को जांच हेतु नर्सिंग होम भेज दिया।
इसी दौरान गांव के कुछ प्रभावशाली व्यक्ति मौके पर आ गए और उन्होंने नर्सिंग होम स्वामी तथा हंगामा कर रहे ग्रामीणों के मध्य समझौता करा दिया। इसके पश्चात ग्रामीण नवजात शिशु के शब को लेकर अपने गांव वापस लौट गए। ग्रामीणों ने समझौते की कॉपी पुलिस को भी उपलब्ध करा दी है।
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