Pilibhit News: छात्र का अपहरण करने के दोषी को आजीवन कारावास, पुलिस पर किया था जानलेवा हमला
UP News - पीलीभीत में एक महत्वपूर्ण मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। करीब बारह वर्ष पूर्व फिरौती के लिए एक छात्र का अपहरण करने और तमंचे से फायर कर जानलेवा हमला करने के आरोपी सूरज पाल को अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना ने दोषी पाते हुए 43 हजार रुपये अर्थदंड सहित आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
संवाद सहयोगी, पीलीभीत। करीब बारह वर्ष पूर्व फिरौती के लिए छात्र का अपहरण व तमंचे से फायर कर जानलेवा हमला करने के आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना ने दोषी पाते हुए 43 हजार रुपये अर्थदंड सहित आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
यह है पूरा मामला
अभियोजन कथानक के अनुसार, थाना बरखेड़ा मे थाना बरखेड़ा के ग्राम मुडिया हुलास के वादी वेद पाल गंगवार ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि उसका बारह साल का पुत्र उम्र कक्षा पांच में सनातन धर्म शिशु मंदिर पतरासा थाना बरखेड़ा में पढ़ता था। विद्यालय में शिक्षक शहर के मुहल्ला खकरा रहता था। 18 जुलाई 2012 दोपहर करीब 12.30 बजे विद्यालय की छुट्टी के बाद शिक्षक अमित त्रिपाठी वादी के पुत्र का अपहरण कर ले गया।
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर दौरान विवेचना विवेचक एस ओ हरेंद्र पाल सिंह पुलिस बल के साथ वास्ते तलाश वांछित अभियुक्त टिकरी उमरिया रोड से सौधा गौटिया जाने वाले रास्ते पर पहुंचे तो वहां पर वादी वेदपाल व हेमराज मिले। दोनों को साथ लेकर बदमाशों द्वारा बताए गए स्थान पर पैदल जंगल डंडिया भगत निकट अमेडी नदी के पुल से पहले पुलिस वाले वहीं रुक गए। वादी व हेमराज को बदमाशों द्वारा मांगी गई फिरौती 2 लाख 10 हजार रुपये लेकर भेजा गया। पीछे से पुलिस पहुंच गई।
अमेडी नदी के पुल से पहले बाग में दो व्यक्ति एक बच्चे को लेकर बैठे थे। जैसे ही वादी व हेमराज ने रुपयों से भरा बैग एक बदमाश को दिया, पुलिस ने टार्च की रोशनी डालते हुए पकड़ने को कहा। तभी एक बदमाश के कहने पर दूसरे ने पुलिसवालों पर जान से मारने की नीयत से फायर किया।
जान जोखिम में डालकर पुलिस ने दोनों बदमाशों को दी गई फिरौती की रकम व बालक सहित पकड़ लिया। एक ने थाना अमरिया के ग्राम हरिहरपुर निवासी सूरज पाल, दूसरे ने जनपद मथुरा के थाना सुरीर ग्राम नयाबांस निवासी डोरी लाल नाम पता बताया। सूरज पाल के पास तमंचा व डोरी लाल के पास से चाकू भी बरामद हुआ।
पुलिस ने दोनों के विरुद्ध जानलेवा हमला करने व आयुध अधिनियम में भी केस दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए पुलिस ने विवेचना में सूरज पाल को नाम बदल कर अमित त्रिपाठी रखना पाया।
आरोपी डोरी लाल के विरुद्ध चल रहे मुकदमे का निस्तारण पत्रावली अलग कर न्यायालय द्वारा पहले किया जा चुका। सूरज पाल के विरुद्ध सुनवाई के दौरान सहायक शासकीय अधिवक्ता विमल कुमार वर्मा ने कई गवाह न्यायालय में पेश किए। आरोपी ने निर्दोष होना बताया।
न्यायालय ने सुनवाई के बाद सूरज पाल को दोषी पाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 364 ए में तीस हजार रुपये अर्थदंड, सहित आजीवन कारावास, धारा 307 में 8000 रुपये सहित सात वर्ष की सजा, आयुध अधिनियम में, 5000 रुपये अर्थदंड सहित तीन वर्ष की सजा से दंडित किया।
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