Pilibhit News: रिश्वत मामले में बुरे फंसे प्रधान सहायक संजय तोमर, CDO ने दी भ्रष्टाचार का मुकदमा चलाने की अनुमति
पीलीभीत में जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के प्रधान सहायक संजय तोमर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चलेगा। सीडीओ ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन को मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। तोमर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति की फाइल पास कराने के लिए रिश्वत मांगी गई थी। तोमर निलंबन के बाद बहाल हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से संबद्ध रहे प्रधान सहायक संजय तोमर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चलेगा। तोमर की बीते 21 फरवरी को विकास भवन स्थित कार्यालय से 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते भ्रष्टाचार निवारण संगठन की बरेली टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। आरोपित के विरुद्ध मुकदमा चलाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन के विवेचक को अनुमति जारी कर दी है।
प्रधान सहायक संजय तोमर की मूल तैनाती ग्राम विकास विभाग में थी, लेकिन संबद्ध पंचायती राज विभाग में। पूरनपुर निवासी व सेवानिवृत्त सचिव (ग्राम पंचायत अधिकारी) राजीव कुमार सक्सेना की शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने संजय तोमर को पचास हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा था।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि पत्नी गंभीर रूप से बीमारी है, चिकित्सा प्रतिपूर्ति की फाइल जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) कार्यालय में जमा की थी, 14 जुलाई वर्ष-2023 को डीपीआरओ कार्यालय से फाइल को सीएमओ कार्यालय भेजा गया, सीएमओ ने फाइल को 27 सितंबर वर्ष-2023 को कुछ आपत्तियां लगाते हुए लौटा दिया, तबसे आराेपित प्रधान सहायक तोमर फाइल को पास रोके रहा। दोबारा फाइल सीएमओ कार्यालय भेजने के लिए रिश्वत की मांग की गई। मामला 50 हजार रुपये में तय हुआ।
शिकायतकर्ता में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने प्रधान सहायक को रंगे हाथों पकड़ा था। आरोपित के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ओर से न्यूरिया थाने में पंजीकृत हुआ। आरोपित के विरुद्ध न्यायालय में मुकदमा चलाने के लिए अभियाेजन की अनुमत सीडीओ की ओर से दे दी गई है। फिलहाल आरोपित प्रधान सहायक तोमर निलंबन के बाद अनंतिम रूप से बहाल हो चुका है, वर्तमान तैनाती सहायक निबंधक कार्यालय में है।
भ्रष्टाचार के आरोपित प्रधान सहायक संजय तोमर के मामले में मुकदमा चलाने के लिए भ्रष्टाचार निवारण संगठन के विवेचक को अनुमति दे चुके हैं। केके सिंह, मुख्य विकास अधिकारी।
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