किशोरी से दुष्कर्म और गर्भपात: आरोपी को 20 साल की सजा और ₹1.30 लाख जुर्माना
पीलीभीत में, दुष्कर्म और गर्भपात के एक मामले में अदालत ने आरोपी हीरालाल को 20 साल की सजा सुनाई है और 1.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विशेष न्याया ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। दुष्कर्म करके पीड़िता का गर्भपात कराने के आरोपित को दोषी पाते हुए अदालत ने 20 वर्ष की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कोर्ट नंबर एक गीता सिंह ने सजा के साथ 1.30 लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया। अर्थ दंड की धनराशि पीड़ित को दिए जाने का आदेश दिया।
अभियोजन कथानक के अनुसार थाना दियोरिया कलां के एक गांव की 14 वर्षीय लड़की ने एक जुलाई 2019 को थाना दियोरिया कलां में तहरीर देकर कहा कि वह इलाहबास का मेला देखकर आने के बाद घर में खाना बना रही थी। उसके माता-पिता खेत पर गए हुए थे।
गांव का हीरालाल उसके घर पर आया और कमरे में जबरन ले जाकर दुष्कर्म किया। किसी को नहीं बताने की धमकी देने के साथ ही दो से तीन बार दुष्कर्म और किया। आरोपित के दुष्कर्म करने से वह गर्भवती हो गई तो उसने हीरा लाल को बताया।
आरोपित ने किशोरी को दवा लाकर दी, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। किशोरी ने अपनी पीड़ा मां को बात बताई। इस पर पीड़िता की मां ने आरोपित हीरालाल के भाई प्रेमपाल से शिकायत की तो परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
हीरालाल ने उसे मोटर साइकिल से दूसरे गांव में नर्स के पास ले जाकर गर्भपात करा दिया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर हीरा लाल व सुनीता देवी को विवेचना में दोषी पाते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।
सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार शर्मा ने पीड़िता सहित कई गवाह न्यायालय में पेश किए। न्यायालय ने सुनवाई के बाद हीरालाल को दोषी पाते हुए 1.30 लाख रुपये अर्थदंड सहित 20 वर्ष की सजा से दंडित किया। अर्थदंड की धनराशि नियमानुसार पीड़िता को दिलाए जाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेश दिया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।