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    Pilibhit : जिला अस्पताल में ठंड बढ़ते ही सुस्त पड़ने लगी व्यवस्था, बेड से चादर गायब; तीमारदार से अभद्रता

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 03:00 PM (IST)

    ठंड बढ़ने के साथ जिला अस्पताल के डॉक्टरों का मरीजों के प्रति रवैया ठंडा पड़ता दिख रहा है। सांस, अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन डॉक्टरों की देरी के कारण मरीजों को घंटों इंतजार के बाद ही इलाज मिल पा रहा है।  

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    जागरण संवाददाता, पीलीभीत। ठंड बढ़ने के साथ जिला अस्पताल के डाक्टरों का मरीजों के प्रति रवैया भी ठंडा दिखाई दे रहा है। इन दिनों सांस, अस्थमा, एलर्जी से पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी हैं। उनकी लेट लतीफी से उन्हें घंटों इंतजार के बाद इलाज मिल पा रहा है।

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    जिला अस्पताल की ओपीडी में 100 से ज्यादा मरीज अस्थमा से पीड़ित आने लगे है। अस्पताल आने वाले मरीजों को डाक्टर के समय से नहीं बैठने पर उन्हें देरी से इलाज मिल रहा है। सबसे अधिक समस्या महिलाओं को रही है। कमरा नंबर सात के बाहर पड़ी कुर्सियों को हटा दिया गया। इससे वह जमीन पर बैठ कर अपनी बारी का इंतजार करती है। लंबे समय तक खड़े रहने वाली असमर्थ महिलाएं बरामदे में पड़ी बेंच पर लेट जाती है। शनिवार को बीसलपुर से इलाज के लिए आए देवेंद्र ने बताया पिछले दिनों की आपेक्षा मरीजों की संख्या में तो कमी आई है लेकिन डाक्टरों के रवैयां में कोई अंतर नहीं आया है।

    वह सुबह आठ बजे ही दवा लेने के लिए पहुंचे थे, उन्हें 11 बजे के करीब दवाई मिल सकी। वहीं पूरनपुर से लक्ष्मी को कई दिनों से बुखार आ रहा था। डाक्टर के चैंबर के बाहर लंबी लाइन होने पर वह काफी समय तक खड़ी नहीं हो सकी। इसके बाद वह बेंच पर सो गई। वहीं दवा वितरण केंद्र पर लगी कई महिलाओं ने बताया कि दवा कांउटर एक होने के कारण घंटों लाइन में लगना पड़ा इसके बाद उन्हें अपनी दवाई मिल सकी।

    पारा गिरने से ठंड बढ़ी, सेहत पर पड़ा असर

    पारा गिरने से ठंड बढ़ी है। इसका असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ रही है। इससे अस्थमा, एलर्जी और सांस के मरीजों की दिक्कत बढ़ रही है। ठंडी हवा के नाक और कान से होकर अंदर जाने पर पुराने मरीजों की परेशानी बढ़ जा रही है। सीएमएस डा. रमाकांत सागर ने बताया कि लोग आंख में खुजली, नाक से पानी और छींक से पीड़ित होने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल से डाक्टर की सलाह से इलाज कराएं। क्योंकि इस मौसम में इलाज में लापरवाही से निमोनिया से लोग पीड़ित हो जाते हैं।

    इमरजेंसी के बेड से चादर गायब

    जिला अस्पताल के इमरजेंसी के रेड जोन वार्ड में व्यवस्थाएं बेपटरी हो गई। यहां मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं को कर्मचारियों के द्वारा पानी फेरा जा रहा है। वार्ड में पड़े बेड की चादरे गायब हो गई है, कूलर भी धुल फांक रहे है। पड़ोस के वार्ड में भर्ती मरीज के तीमारदारों ने बताया कि कर्मचारियों के द्वारा चादर नहीं बदली जा रही है। गंदगी चादरों पर ही मरीजों लिटाना पड़ रहा है। उन्होनें बताया शुक्रवार कर्मचारी से चादर बदलने को कहा गया इस पर उसने अभद्रता की।

    अस्पताल की सभी व्यवस्थाएं ठीक है। चादरों को धुलने के लिए हटाया गया होगा। मरीजों के साथ उचित व्यवहार करने के लिए कर्मचारियों को कहा जाता है। डा. रमाकांत सागर, सीएमएस