UP Flood: नदी फिर उफनाई, अब यूपी के इस शहर में घुसा बाढ़ पानी, 15 मकान कराने पड़े खाली
पीलीभीत में देवहा नदी का जलस्तर बढ़ने से बेनी चौधरी और खकरा मुहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है जिससे निवासियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग अपने घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहाँ चले गए हैं। खकरा से भिखारीपुर जाने वाला मार्ग जलमग्न हो गया है। पहाड़ों पर बारिश के कारण बैराजों से पानी छोड़ा गया है जिससे नदियों में उफान है।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। देवहा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से शहर के मुहल्ला बेनी चौधरी और खकरा के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया हैं। सड़कों पर दो फीट पानी चलने से निवासी भर पानी से होकर गुजर रहे हैं। जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
वहीं बेनी चौधरी मुहल्ला के दर्जनों की संख्या में लोग बाढ़ के डर से मकानों को खाली कर अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। खकरा से भिखारीपुर को जाने वाला मार्ग जलमग्न हो गया हैं।
पहाड़ों पर लगातार हो रही लगातार बारिश के कारण बैराजों में पानी की मात्रा बढ़ गई हैं। जिनसे पानी छोड़े जाने से नदियां उफान पर हैं। शहर के निचले इलाके से गुजरने वाली देवहा नदी का भी जलस्तर लगातार बढ़ने से शहर के मुहल्ला बेनी चौधरी और खकरा में मकानों तक पानी पहुंच गया हैं।
आशंका यह जताई जा रही हैं कि रात तक पानी उनके माकनों तक पहुंच जाएगा। वहीं मुहल्ले की सड़कों पर पानी भरने से बाशिंदों का आवागमन ठप हो गया हैं। बेनी चौधरी मुहल्ला के करीब 25 मकानों के दरवाजों तक पानी पहुंचने से वहां के एक दर्जन से अधिक मकानों को लाेग खाली कर रिश्तेदारियों में चले गए हैं।
मौजूद निवासियों ने बताया हर बार बाढ़ की चपेट में आकर परेशान हो रहे हैं। उसके बाद भी प्रशासन उस ओर ध्यान नहीं दे रहा हैं। अधिकारी आकर सचेंत रहने का निर्देश तो दे रहे हैं लेकिन बाढ़ आने के दौरान होने वाली मुश्बितों से बचाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।
कनाकोर, खरुआ मार्ग जलमग्न, आवागमन ठप
देवहा नदी के जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के गांव कनाकोर से बरेली को जाने वाला मार्ग सैजना और मीरपुर गांव के बीच बाढ़ का पानी भर गया हैं। यहां पर करीब दस फीट पानी चलने से ढकिया, प्यास, कनाकोर के राहगीरों का रास्ता बंद हैं।
सड़क पर करीब दस फीट पानी चलने के कारण प्रशासन ने मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से रोक दी हैं। ऐसे में जिन गांव का रास्ता बंद हुआ हैं उन्हें बरेली मार्ग पर निकलने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। वे वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेकर अपने गंतव्य को पहुंच रहे हैं।
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