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    बाढ़ में ललौर गुजरानपुर की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न, सड़कें बनीं तालाब

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 03:06 PM (IST)

    बीसलपुर के ललौर गुजरानपुर में देवहा नदी में बाढ़ से हाहाकार मचा है। गांव की सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं जिससे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों के डूबने से तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है और पशुओं के लिए चारे की किल्लत हो गई है। ग्रामीणों को प्रशासन से मदद का इंतजार है।

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    बाढ़ में ललौर गुजरानपुर की सैकड़ों एकड़ फसल हुई जलमग्न। जागरण

    संवाद सहयोगी, बीसलपुर। देवहा नदी के किनारे वसे ग्राम ललौर गुजरानपुर में बाढ़ का पानी अभी भी भरा हुआ है। गांव की सैकड़ो एकड़ फैसले पानी में डूबी हुई है। गांव में पिछले दो दिनों से बाढ़ के दंस के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है। पशुओं के सामने चारे की समस्या बनी हुई है। सड़के जलमग्न होने के कारण तहसील मुख्यालय का गांव से संपर्क कटा हुआ है।

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    गांव में प्रशासन स्तर से अभी मदद नहीं मिल पाई है। क्षेत्र के ग्राम ललौर गुजरानपुर में बाढ़ का पानी पिछले तीन दिनों से भरा हुआ है। गांव के मुख्य मार्ग तालाब में तब्दील हो गया है। गांव के आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक विद्यालय के बाहर कई फीट पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों की धान व गन्ने की फैसले बाढ़ के पानी मेंडूबीहुई है।

    गांव तक आने-जाने के लिए केवल ट्रैक्टर ट्रॉली का सहारा

    गांव तक आने जाने के लिए केवल ट्रैक्टर ट्रॉली का ही सहारा है। जागरण टीम को गांव भरमण के दौरान बाढ़ के पानी में फंसे गोवंशीय पशु सुरक्षित स्थान पर जाते दिखे। गोवंशीय पशु चारा न मिलने के कारण कमजोर वह भूखे दिख रहे थे एक गन्ने के खेत में घुसकर फसल की हरी पत्तियां खाने लगे थे। गांव के पंडित मधुकर के पास पहुंचने पर उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को देवहा नदी का जल स्तर बढ़ जाने पर गांव बाढ़ की चपेट में आ गया था।

    फसले पानी में डूबे गई और प्राथमिक विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र में पानी भर गया। प्रत्येक वर्ष बाढ़ आने पर फसलों को भारी क्षति होती है। इस बार भी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। प्रशासन स्तर से गांव में अभी किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पाई है। एसडीएम नागेंद्र पांडे का कहना है कि राजस्व टीमों को प्रभावित ग्रामों में भेजा जा रहा है।

    क्या बोले ग्रामीण

    ग्रामीण पंडित मधुकर बाढ़ से गांव की सैकड़ो एकड़ फैसले पानी में डूबी हुई है। पशुओं के सामने चारे की समस्या बनी हुई है। गांव की बिजली भी ठपपड़ी है। राजस्व टीम अभी यहां नहीं पहुंची है।  ग्रमीण महेश मिश्रा ने बताया कि बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हुआ है। सड़कों पर पानी भरा होने से पैदल आवागवन काफी परेशानी हो रही है। प्रशासन को गांव की ओर ध्यान देना चाहिए। 

    ग्रामीण प्रशांत पंडित ने बताया कि हमारा गांव देवहा नदी के किनारे बसा हुआ है। नदी का जल स्तर अधिक होने पर गांव की फसले पानी में डूबे जाती हैं। इस बार भी बाढ़ से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। प्रशासन स्तर से मदद मिलनी चाहिए। 

    ग्रामीण दयाचंद ने जानकारी दी कि बाढ़ का पानी खेतों में भर जाने से हमारे पशुओं को पिछले दो दिनों से चारा नहीं मिला है। घर पर पशु भूखे बंधे हुए हैं। राशन का जरूरी सामान भी घर पर नहीं है। 

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