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    किसके लहू में दम है कश्मीर हमसे छीने

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    Updated: Sun, 23 Oct 2011 06:33 PM (IST)

    बीसलपुर : रामलीला मेले में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन किया गया। कवियों ने अपनी हास्य, व्यंग्य, वीर रस की रचनाओं का जादू बिखेरकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

    गाजीपुर की कवयित्री रश्मि शाक्य ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने अपनी गजल कुछ यूं गुनगुनाई-

    मेरा दामन तेरी खुशबू से महकता है अभी,

    मेरी आंखों में तेरा प्यार झलकता है अभी।

    बदायूं के युवा कवि अभिषेक आनंद ने देशभक्ति के प्रति उद्गार इस तरह व्यक्त किए: गुमनामियों की कौन राह खोल रहा है, ये कौन फिजाओं में जहर घोल रहा है। बाराबंकी से आए कवि काविश रुदौलवी ने अपनी गजल पढ़ते हुए कहा-तूने अच्छा किया रूला के मुझे, मै भी मां को रूला कर आया था।

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    लखनऊ से पधारे हास्य व्यंग्य के कवि मुकुल महान ने कहा- माना हमारा देश ओलम्पिक में फेल है, पर उल्लू सीधा करना हमारे बाए हाथ का खेल है।

    कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे एटा के हास्य कवि डा.धुवेन्द्र भदौरिया ने प्रेम का संदेश देते हुए कहा- प्रेम का प्रदीप यदि प्राणों में प्रकाशित है, आत्मा का आंगन ही पवित्र बन जाएगा।

    टुंडला के ओ हास्य कवि लटूरी सिंह लठ्ठ ने हास्य रचनाओं का पिटारा खोला। उन्होंने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा- नस-नस डूबा भ्रष्टाचार तो ये बुड्ढे अन्ना हजारे क्या कर लेंगे।

    आजमगढ़ से आईं शायर नंदनी आजमी ने कहा- दिल के जख्म हरे होते हैं सावन की पुरवाई में, आह भी होती है शामिल सांसों की शहनाई में।

    लखीमपुर खीरी से आए व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर कवि फारुक सरल ने अपनी रचना इस तरह पढ़ी- झेलम नदी का पावन कोई नीर हमसे छीने, धरती पे स्वर्ग जैसी तस्वीर हमसे छीने।

    केसर की क्यारियों की जागीर हमसे छीने, किसके लहू में दम है कश्मीर हमसे छीने। बदायूं के कवि आयुष ने अपनी रचना पढ़ी- ऐसा सबक मिला है कि फिर हिम्मत नहीं होगी, चाह कर भी किसी और से मुहब्बत नहीं होगी।।

    लखनऊ की कवियित्री व्यंजना शुक्ला ने अपने गीतों का जादू इस तरह बिखेरा-

    तन को चाहे जितना रंग लो, कोई फर्क नहीं होगा, मन को जिस दिन रंग लोगे, ये वृंदावन हो जाएगा। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता निरंजन स्वरूप नगाइच ने की। कवि सम्मेलन में श्रोता पूरी रात साहित्य की सरिता में गोते लगाते रहे। मेला कमेटी के लीला प्रबन्धक गोपाल कृष्ण अग्रवाल, मैनेजर कृष्णा अग्रवाल, मृदुल त्रिगुणायत ने कवियों का अभिनंदन किया। इस मौके पर बाबूराम शर्मा, पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष अवधेश अग्रवाल, चन्द्रपाल मौर्या, पंकज गुप्ता, डा.सर्वेश अग्रवाल, मीनू त्रिपाठी, सागर मित्तल, पवन अग्रवाल, राजेश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे।

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