बच्चों को सुबह पिलाएं हल्का गुनगुना पानी : डा. सेठी
जिले के ख्याति प्राप्त बाल रोग विशेषज्ञ डा. तरुण सेठी का जाने की आवश्यकता है।

बच्चों को सुबह पिलाएं हल्का गुनगुना पानी : डा. सेठी
पीलीभीत,जेएनएन : जिले के ख्याति प्राप्त बाल रोग विशेषज्ञ डा. तरुण सेठी का कहना है कि गर्मी, बरसात के मौसम के दौरान वातावरण में नमी बढ़ जाती है। इससे विभिन्न तरह के कीटाणु पैदा हो जाते हैं, जो बच्चों को बीमार कर सकते हैं। ऐसे मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। तेज गर्मी पड़ रही है। ऐसे में बच्चों को ठंडे माहौल में रखें। उन्हें सूती कपड़े पहनाएं। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि पहनाए जाने वाले कपड़े हल्के रंग के हों। जिससे बच्चे ठंडक महसूस करें। बच्चों को खाली पेट न रहने दें बल्कि समय समय पर उनकी रुचि के अनुसार घर पर ही विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ बनाकर खिलाएं। कभी भी बच्चों को एसपी की सीधी हवा या कूलर के सामने न लिटाएं। इस मौसम में पाचन क्रिया मध्यम पड़ जाती है। ऐसे में बच्चे को खाने के लिए उतना ही आहार दें, जितना वह रुचि से खा सके। अलबत्ता पानी खूब पिलाते रहें। इससे बच्चे मौसमी बीमारियों से बचे रहेंगे। बुधवार को जागरण के पाक्षिक कार्यक्रम हेलो डाक्टर में टेलीफोन पर सुधी पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए डा. सेठी ने कहा कि स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। कई बार बच्चे गर्मी अधिक लगने की बात कहकर कपड़े नहीं पहनने की जिद करते हैं लेकिन शरीर के ऊपर का हिस्सा नंगा नहीं रखना चाहिए। हल्के कपड़े अवश्य पहनाकर रखें। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए सुबह के समय दो गिलास हल्का गुनगुना पानी उन्हें अवश्य पिलाएं। सावधानी बरतेंगे तो बच्चे स्वस्थ रहेंगे। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>सवाल : पचास साल की आयु हो चुकी है। कुछ समय से ब्लड प्रेशर की समस्या रहने लगी है। वजन भी बढ़ रहा है। क्या उपाय करना चाहिए। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>मो. अहमद, जहानाबाद<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>जवाब : नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की दवा लेते रहें। साथ ही रोजाना एक्सरसाइज करना शुरू कर दें। सबसे अच्छा तो यह है कि रोज एक घंटे तक छह किमी पैदल टहलने की आदत बना लें।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>सवाल : दो साल की बेटी है। इसका पेट फूला रहता है। खाना भी कम खाती है। अक्सर आंखों पर सूजन भी आ जाती है। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>फरीन, माधोटांडा<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>जवाब : बच्ची के पेट का अल्ट्रासाउंड होगा। साथ ही ब्लक और यूरिन की जांच भी आवश्यक होगी। तभी पता लेगा कि पेट फूलने और आंखों में सूजन क्यों आने लगती है।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न> सवाल : परिवार में बच्चे इन दिनों सर्दी, जुकाम से पीड़ित हो रहे हैं। ऐसे में कोई उपाय बताएं, जिससे बच्चे स्वस्थ रह सकें। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>जाविद हुसैन, बरखेड़ा<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>जवाब : बरसात के मौसम में नमी बढ़ जाती है। ऐसे में कई तरह के कीटाणु पैदा होने लगते हैं। सर्दी-जुकाम की समस्या ठंडा-गर्म से संबंधित है। बच्चों को गर्मी में ज्यादा बाहर न निकलने दें। ज्यादा ठंडी चीजें भी न दें। पानी खूब पिलाएं। उनके खानपान पर विशेष ध्यान दें। सुबह के समय हल्का गुनगुना पानी पिलाएं। बच्चे को खाली पेट न रहने दें।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>सवाल : गर्मी के कारण शरीर पर लाल लाल दाने पड़ गए हैं। ये कैसे ठीक होंगे। कोई उपाय बताएं।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>मो. इमरान, अमरिया<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>जवाब : शेवलान लोशन की शीशी खरीद लें। एक ढक्कन शेवलान को आधा गम पानी में डालकर झाग बना लें। साबुन के बजाय उसी से स्नान करें तो दाने निकलना बंद हो जाएंगे। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>सवाल : तीन साल की बच्ची है। वह काफी कमजोर हो रही है। वजन भी सिर्फ दस किग्राम है। उसके स्वास्थ्य के लिए चिंता रहती है। क्या करना चाहिए।<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>छत्रपाल शर्मा, अजीतपुर बिल्हा<ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>जवाब : उम्र के हिसाब से बच्ची का वजन 14 किग्राम होना चाहिए। बच्ची को पानी ज्यादा पिलाएं। उसकी पसंद की चीजें खाने में दें। साथ ही एक बार बच्ची का चेकअप अवश्य करा लें।
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