45 किमी. दौड़कर हर्षित ने साथियों के साथ बचाई जान
पीलीभीतजेएनएन यूक्रेन में फंसे हजारा के छात्र हर्षित मंगलवार की शाम को अपने स्वजन के पास पहुंच गए। इससे परिवार में खुशी का लहर दौड़ गई। बमबारी के बीच 45 किमी. दौड़ कर जान बचाने वाली घटना जेहन में घूम रही है।
पीलीभीत,जेएनएन : यूक्रेन में फंसे हजारा के छात्र हर्षित मंगलवार की शाम को अपने स्वजन के पास पहुंच गए। इससे परिवार में खुशी का लहर दौड़ गई। बमबारी के बीच 45 किमी. दौड़ कर जान बचाने वाली घटना जेहन में घूम रही है।
हजारा थाना क्षेत्र के गांव मुरैना गांधीनगर निवासी छात्र हर्षित शुक्ल वर्ष 2021 में यूक्रेन की खार्कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे। 23 फरवरी को यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया,जिससे खार्कीव में ही फंस गए थे। पिछले कई दिनों से निकलने की योजना बना रहे थे लेकिन बाहर नहीं निकल पा रहे थे। इस दौरान उन्हें बंकर और हास्टल में रहना पड़ा। मात्र एक घंटे के लिए हास्टल में खाना खाने के लिए जाते थे इसके बाद अधिकांश समय बंकर में ही गुजारते थे। मंगलवार को रोमानिया से लखनऊ अपने घर पहुंच गए इससे स्वजन में खुशी की लहर दौड़ गई। हर्षित ने बताया कि चार फरवरी को वह बोकजाल रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में सवार होने के लिए छात्रों के साथ गए थे। अचानक कुछ दूरी पर एयर स्ट्राइक हुई जिससे एक विशालकाय बिल्डिग मलबे में तब्दील हो गई। यह देखकर सभी छात्र भागने लगे। ऊपर से बमबारी भी शुरू हो गई। डर के कारण छात्र भागते रहे और बमबारी होती रही। बमुश्किल 45 किमी. दौड़कर सभी छात्रों ने जान बचाई। भागते भागते भारतीय दूतावास की तरफ से चिन्हित किए गए बंकर में पहुंच सके। उस दिन छात्र बेहद घबरा गए थे। कर्नाटक के छात्र नवीन की मौत ने भी छात्रों को झकझोर दिया था। सभी बेहद डरा महसूस कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद बसों पर सवार होकर छात्र रोमानिया बार्डर पर पहुंचे। सोमवार की शाम को छह बजे फ्लाइट से मंगलवार की सुबह चार बजे दिल्ली पहुंचे। वहां यूपी भवन में ठहराया गया। दिन में डेढ़ बजे की फ्लाइट से वह विकास नगर लखनऊ स्थित अपने घर पहुंच गए। पिता प्रदीप शुक्ल ने बताया कि बेटा घर पहुंचने पर सभी में बेहद खुशी है।
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