Pilibhit News: नर्सिंग स्टूडेंट के अपहरण में पिता की साजिश का पर्दाफाश, पुलिस ने खाेज निकाला सच, इसलिए रची साजिश...
Pilibhit News In Hindi छात्रा का अपहरण कर कार से लखीमपुर खीरी जिले में फेंकने का सनसनीखेज मामला पुलिस ने खाेल दिया। पिता ने दामाद को फंसाने के लिए रचा था अपहरण का ड्रामा। पुलिस को बताया कि बहाने से कार में बिठाकर ले गए थे। पुलिस ने 20 जून को पूरनपुर हाईवे स्थित कुरैंया मोड़ से छात्रा के पिता और उसके दोस्त डा. रामचंद्र को गिरफ्तार कर लिया।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत। नर्सिंग छात्रा को अपहरण कर लखीमपुर खीरी जिले में कार से फेंकने का सनसनीखेज मामला पुलिस की जांच पड़ताल में पूरी तरह फर्जी निकला। दरअसल छात्रा के पिता ने अपने एक दोस्त की मदद से अपने दामाद और उसके भाई को फंसाने के लिए यह साजिश रची थी। पुलिस ने छात्रा के पिता और उसके दोस्त का गिरफ्तार कर मामले का राजफाश होने का दावा किया है।
सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र के गांव निवासी व्यक्ति का परिवार सुनगढ़ी थाना क्षेत्र के एक मुहल्ले में रहता है। उक्त व्यक्ति ने सेहरामऊ उत्तरी थाना में 14 जून को दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया था कि उसकी पुत्री शहर के ही एक नर्सिंग कालेज की छात्रा है। 12 जून को अवकाश होने की वजह से उसने अपनी पुत्री को गांव भेजने के लिए असम चौराहा से टाटा मैजिक वाहन में बिठाया था। जिसके बाद छात्रा घर नहीं पहुंची।
लखीमपुर खीरी में मिली थी छात्रा
19 जून को सुबह छात्रा लखीमपुर खीरी जिले के ओयल थाना क्षेत्र के गांव के नजदीक बदहवास हालत में पड़ी मिली थी। छात्रा ने गांव की महिलाओं को बताया कि कार में सवार लोग उसे अगवा करके लाए थे। जिनमें वह अपने बहनोई के छोटे भाई को पहचानती है।
लखीमपुर खीरी पुलिस ने छात्रा को जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था। खीरी पुलिस ने मामले की बाबत सेहरामऊ उत्तरी थानाध्यक्ष तथा छ्त्रा के पिता को सूचित किया गया। चिकित्सक ने परीक्षण कर छात्रा को स्वस्थ बताया। छात्रा के पिता ने अपनी पुत्री को वहां से डिस्चार्ज कराकर पूरनपुर सीएचसी में पहुंचे, लेकिन डाक्टरों ने छात्रा को पीलीभीत जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। जिसके बाद 19 जून की रात लगभग दस बजे जिला अस्पताल में छात्रा को भर्ती कर दिया गया।
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एसपी ने ली पूरी जानकारी
इस बीच पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडेय सहित अन्य अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली। बरेली से पुलिस महानिरीक्षक डा. राकेश सिंह ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़िता और उसके स्वजन से जानकारी ली। पुलिस अधीक्षक ने मामले का वर्कआउट करने के लिए तीन टीमों को जुटा दिया। साथ ही पुलिस अधीक्षक ने स्वयं मामले की छानबीन अपने स्तर से शुरू की।
पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडेय ने शनिवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि छात्रा के पिता ने जो घटनाक्रम बताया था, छानबीन के दौरान सीसीटीवी फुटेज तथा अन्य जांच पड़ताल के दौरान फर्जी पाया गया। इस बारे में पूरनपुर रोड पर चलने वाले वाहनों के चालकों से भी मालूमात की गई। इस दौरान यह भी पता चला कि छात्रा की बड़ी बहन ने पीएसी के सिपाही से प्रेम विवाह किया था। छात्रा के स्वजन इसका विरोध कर रहे थे।
दामाद पर लगाया था दुष्कर्म का केस
एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि छात्रा के पिता ने अपनी साली की ओर से दामाद पर दुष्कर्म का अभियोग सुनगढ़ी थाना में दर्ज करवा दिया था। इस मुकदमे की पैरवी दामाद का छोटा भाई कर रहा है। छात्रा के पिता ने दामाद और उसके भाई को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवाने के लिए अपहरण और कार से फेंकने की घटना की साजिश रची।
छात्रा 12 जून से 15 जून तक शहर में ही अपने परिवार के साथ थी। छात्रा के पिता के दूसरे मकान के किराएदार ने वीडियो के जरिये बयान देकर इसकी पुष्टि की। 15 जून को छात्रा को उसका पिता बाइक पर बिठाकर अपनी ससुराल लखीमपुर खीरी जिले के मैलानी थाना क्षेत्र के गांव ले गया था।
गजरौला टोलप्लाजा के सीसीटीवी की फुटेज में वह दिखाई दे रहा है। 16 जून को सुबह छात्रा को लेकर उसका पिता अपने पुराने मित्र सीतापुर जिले के हरगांव थाना क्षेत्र के गांव भदेवा निवासी डा. रामचंद्र के यहां पहुंचा। पुत्री को वहां छोड़कर पीलीभीत लौट आया था। 18 जून की रात वह फिर डा. रामचंद्र के घर पहुंचा। 19 जून को सुबह डा. रामचंद्र की कार में सवार होकर छात्रा को लखीमपुर खीरी के ओयल थाना क्षेत्र में सड़क किनारे छोड़ आए थे। इस दौरान कार में डा. रामचंद्र के अलावा परशुराम नामक साथी भी सवार था।
आरोपितों को गिफ्तार करने वाली टीम
सेहरामऊ उत्तरी थानाध्यक्ष रूपा विष्ट, उपनिरीक्षक लोकेश सिंह, मनफूल सिंह, एसओजी प्रभारी क्रांतिवीर सिंह, सर्विलांस प्रभारी सुनील शर्मा।
छात्रा की संलिप्तता की स्थिति साफ नहीं
जिला अस्पताल में भर्ती छात्रा की हालत में सुधार हो रहा है। लेकिन वह अभी तक बयान दर्ज कराने की स्थिति में नहीं है। जांच पड़ताल के दौरान छात्रा ने पुलिस को यही बताया है कि पिता के कहने पर ही उसने ऐसा किया था। छात्रा बालिग है। ऐेसे में छात्रा के बयान के बाद ही उक्त प्रकरण में उसकी संलिप्तता की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
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