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    अच्छी खबर: टूरिज्म विलेज सेल्हा में सोलर ऊर्जा से रोशन होंगे घर, 5 बल्ब और दो पंखों का शुल्क भी मामूली

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 02:55 PM (IST)

    पीलीभीत टाइगर रिजर्व के किनारे सेल्हा गांव की बंगाली कलोनी में अब सोलर प्लांट से बिजली पहुंचेगी। वन विभाग, विश्व प्रकृति निधि और यूनिटी फाउंडेशन के सह ...और पढ़ें

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    सोलर प्लांट।

    बहज़त खान, जागरण, माधोटांडा। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के किनारे स्थित सेल्हा गांव टूरिज्म विलेज तो बन गया, लेकिन इसी गांव की जंगल के किनारे बसी हुई सप्त सरोवर वाली बंगाली कलोनी में आज तक कभी बिजली नहीं पहुंच सकी। लेकिन अब सेल्हा गांव की यह कलोनी प्रकाश से जगमगाने वाली है। वन विभाग, विश्व प्रकृति निधि और यूनिटी फाउंडेशन के सहयोग से प्रत्येक घर में सोलर प्लांट से बिजली पहुंचाने के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया है। कुछ ही दिनों में कार्य पूरा होने के बाद यहां बिजली की समस्या दूर हो जाएगी।

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    प्रत्येक घर में पांच बल्ब और दो पंखे चलाने की होगी व्यवस्था


    सप्त सरोवर पीलीभीत टाइगर रिजर्व का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह पर्यटन स्थल जंगल के बीच स्थित है। सेल्हा गांव भी इसी पर्यटन स्थल से सटा हुआ है। इसी गांव की ईको विकास समिति द्वारा सप्त सरोवर का संचालन भी किया जाता है।

    सेल्हा गांव में भी बंगाली घरों में 10 होम स्टे बने हुए हैं। यहां पर ईको विकास समिति के लोग शहद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, हस्त शिल्प वस्तुओं को तैयार करते हैं। यहां आने वाले पर्यटक बंगाली परम्पराओं को भी देखते हैं। जिससे सेल्हा गांव को पहले ही टूरिज्म विलेज घोषित किया जा चुका है। यह गांव दो हिस्सों में बंटा हुआ है। आधे गांव में बिजली व्यवस्था मौजूद है। लेकिन सप्त सरोवर के बिल्कुल किनारे पर स्थित कलोनी में कभी बिजली नहीं पहुंच सकी।

    वन विभाग और विश्व प्रकृति निधि के सहयोग से हो रहा कार्य

    यह कॉलोनी जंगल से बिल्कुल सटी होने से यहां पर हिंसक वन्यजीवों का भी खतरा बना रहता है। रात्रि होते ही पूरा गांव में अंधेरे में डूब जाता है। गांव के लोग घरों में दुबक जाते हैं। गांव की इस समस्या को दूर करने के लिए टाइगर रिजर्व, विश्व प्रकृति निधि और यूनिटी फाउंडेशन ने यहां पर घर पर बिजली पहुंचाने की योजना बनाई। सोलर प्लांट के माध्यम से गांव को रोशन करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। निजी कंपनी ने गांव में कार्य शुरू भी कर दिया। घरों में पंखे और बल्ब भी लगा दिये गये हैं। सोलर प्लांट भी तैयार हो गया है। अब पहुंच जल्द पूरी कॉलोनी के हर घर में बिजली पहुंच जाएगी।

    5 बल्ब और दो पंखे चलाने को मिलेगी बिजली

    प्रत्येक घर में 5 बल्ब और 2 पंखे चलाने के लिए सप्लाई दी जाएगी। कोई बिजली की चोरी न कर ले इसके लिए घरों में किसी प्रकार का कोई साकेट नहीं दिया जाएगा। सीधे लाइन को पंखे और बल्ब से जोड़ा जाएगा। मोबाइल चार्जिंग के लिए गांव में एक स्थान को चिह्नित किया जाएगा, जहां पर मोबाइल को जार्ज किया जा सकेगा। सबसे खास बात यह है कि ग्रामीणों को इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। सिर्फ मेंटिनेंस के लिए मामूली सा शुल्क देना होगा।

    फिलहाल समिति ने अभी इसका निर्णय नहीं लिया है। सोलर कंपनी ने गांव में ही सोलर प्लांट को स्थापित कर दिया है। काफी कार्य पूरा भी हो चुका है। जल्द ही गांव में सोलर प्लांट से बिजली पहुंचाने की प्रक्रिया पूरी भी हो जाएगी। विश्व प्रकृति निधि के वरिष्ठ परियोजना नरेश कुमार ने बताया कि बहुत जल्द हर घर में बिजली पहुंच जाएगी। कार्य को जल्द पूरा कर दिया जाएगा।