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    करोड़ों का 'डिजिटल चूना': गर्लफ्रेंड के महंगे शौक ने बनाया साइबर ठग; 1.5 करोड़/माह कमा रहा था दुबई रिटर्न गैंग!

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 01:30 AM (IST)

    दुबई में प्रशिक्षण लेने के बाद लौटे मंजीत सिंह और उसके साथियों ने फेयरप्ले 24 (Fairplay 24) गेमिंग ऐप के जरिए लगभग 50,000 लोगों को ठगी के लिए रडार पर ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    संवाद सूत्र, जागरण, घुंघचाई (पूरनपुर/पीलीभीत) : हाईस्कूल फेल तो कोई इंंटरमीडिएट पास। दुबई में जाकर काल सेंटर में काम किया और साइबर ठगी करना सीखा। दुबई गैंग के संपर्क में आकर फेयरप्ले 24 एप बनाकर लोगों को आनलाइन गेमिंग के लिए रिझाया। इसके लिए मास्टर अकाउंट खोला और छोटे-छोटे अमाउंट लगाने वालों को जिताना और बड़ा पैसा लगाने वालों को हराकर उनके रुपये हड़प लेना।

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    दुबई से लौटकर आरोपितों ने तीन से चार महीनों में बड़ा गैंग तैयार कर लिया। दुबई में मंजीत ने प्रशिक्षण लेकर सभी आरोपितों ने अपने ही देश के लगभग 50 हजार लोगों को ठगी करने को रडार पर ले रखा था। ठगी की कुछ रकम दुबई और दिल्ली में बैठे गैंग लीडर को भेजते थे। आरोपित देश के कई राज्यों के लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। इनके गैंग में अन्य राज्यों के साइबर ठग शामिल हैं।

    आरोपितों ने मास्टर खाता फ्रीज कर दिया है, जिसके माध्यम से अन्य लोगों को पकड़ा सके। पुलिस विवेचना में इसकी पड़ताल करेगी। ठगी का शिकार पीड़ितों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। घुंघचाई थाना क्षेत्र के गांव हरीपुर निवासी अमृतलाल सिंह, धर्मेंद्र और प्रियांशु दीक्षित से हुई पूछताछ में आरोपितों के एक बड़े नेटवर्क का राजफाश हुआ।

    जेल गए आरोपित अमृतपाल सिंह से मंजीत की मुलाकात वर्ष 2024 में दुबई में हुई थी। वह दुबई गया था। ट्रेनिंग लेने के बाद माधोटांडा थाना क्षेत्र के गांव बसंतपुर नौनेर निवासी मंजीत सिंह उर्फ सोनू उत्तराखंड के रुद्रपुर में अंतरराज्‍यीय और अंतरराष्ट्रीय गैंग बनाया। वहां फर्जी काल सेंटर का संचालन शुरू कर दिया।

    अमृतलाल सिंह की गिरफ्तारी की भनक लगते ही गैंग का संचालन करने वाले सभी आरोपित दिल्ली भागने की फिराक में मंजीत सिंह के घर माधोटांडा आ गए। पुलिस लगातार आरोपितों का इनपुट जुटा रही थी। मंजीत के घर आने की सूचना पर पुलिस ने सभी छह आरोपितों को धर दबोचा। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि नेपाल निवासी चक्र खड़का गैंग ठगी के रूपये के लिए एकाउंट उपलब्ध कराता था।

    आरोपितों ने फेयरप्ले एप के जरिए ठगी के लिए लगभग 50 हजार लोगों को अपने रडार पर ले रखा था। 20 हजार लोग आरोपितों के चंगुल में फंसकर रुपये भी ठग चुके थे। पुलिस पड़ताल में विक्रांत उर्फ विक्की और चक्र खड़का के मोबाइल में मिली 11,739 यूजर आइडी से 5,54,40,242 करोड़ रुपये जमा किए जाने का मामला सामने आया हैं।

    पुलिस सभी बैंक खाता, यूजर आइडी से जमा कराए जाने वाले रुपये, धोखाधड़ी कर ठगी की गई रकम और होल्ड के रुपये का ब्यौरा एकत्र कर रही है। आरोपित कपिल और कुनाल कस्टमर से कालिंग का काम कर ग्राहकों को फंसाते थे। प्रशांत सिंह चौटिंग का काम करता था। आरोपितों ने ठगी के लिए उड़ीसा, तमिलनाडु, बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई खातों का उपयोग किया है।

    साइबर ठगी में उपयोग किए गए सभी खातों को होल्ड किए गए हैं। पुलिस आरोपितों के उपयोग किए गए खातों के मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, फोन के आइएमइआइ और बैंक खातों की पड़ताल कर रही है। इससे एक बहुत बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ होगा और अब तक छिपे आरोपित बेनकाब होंगे।

    हाईस्कूल और इंटरमीडिएट पास साइबर ठग, पढ़े लिखे लोगों को लगाते थे चूना

    फर्जी काल सेंटर संचालक गैंग में शामिल आरोपित उच्च शिक्षित नहीं हैं। इनमें कोई हाईस्कूल फेल है तो किसी ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट पास इन साइबर ठगों दुबई में प्रशिक्षण के बाद आरोपितों ने गैंग बनाकर साइबर ठगी शुरु कर दी। कम पढ़ाई के बाद भी आरोपितों ने डाक्टर, मास्टर, एडवोकेट, व्यापारी और साधारण लोगों को अपना निशाना बनाकर करोड़ों की ठगी की।

    गर्लफ्रेंड के शौक और नशेबाजी ने बनाया आरोपित

    साइबर ठगी में पकड़े गए सभी आरोपित युवा हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि नशे की लत और गर्लफ्रेंड के मंहगे शौक पूरा करने के लिए उन्होंने अपराध की राह पकड़ ली। इसके लिए दुबई में प्रशिक्षण लिया। दुबई में प्रशिक्षण लेकर वापस लौटने के बाद सभी ने मिलकर गैंग तैयार किया। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आधा दर्जन आरोपितों का गिरोह प्रति माह 1.5 करोड़ रुपये की ठगी करा था, जिसमें से करीब 20 से 30 लाख रुपये दुबई भेजे जाते थे।

    दुबई और दिल्ली में बैठे गैंग के सरगना

    पकड़े सभी आरोपित दुबई और दिल्ली में बैठे सरगना के संपर्क में फर्जी काल सेंटर का संचालन कर रहे थे। आरोपितों को दुबई और दिल्ली में बैठे सरगना की ओर से बेवसाइट की लागिन आइडी और पासवर्ड दिया गया था। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी की भनक लगते ही वेबसाइट, लागिन आइडी और पासवर्ड ब्लाक कर दिया गया है। पुलिस पड़ताल कर रही है।

     

    थाना घुंघचाई में एनसीआर पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की जांच के आधार पर साइबर ठगों के गिरों का भंडाफोड़ हुआ था। इसके संबंध में थाना पर प्राथमिकी लिखकर तीन आरोपितों को जेल भेजा गया। जांच में अन्य अपराधी भी गिरोह में शामिल होना पता चला था। इसी क्रम में अन्य अन्य राज्य और नेपाल सहित छह और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। सभी को जेल भेज दिया।

    - डा. प्रतीक कुमार दहिया, पुलिस क्षेत्राधिकारी, पूरनपुर


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