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    पीलीभीत की आदमखोर बाघिन का आतंक खत्म, कानपुर चिड़ियाघर पहुंची... दो माह पहले महोफ रेंज में छोड़ी गई थी खूंखार

    पीलीभीत के न्यूरिया क्षेत्र में आतंक मचाने वाली बाघिन को कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया। इस बाघिन ने पहले भी कई लोगों पर हमला किया था जिससे इलाके में दहशत फैल गई थी। वन विभाग ने बाघिन को रेस्क्यू किया और उसे चिड़ियाघर भेजने का निर्णय लिया। जांच के बाद ही पता चलेगा कि क्या यह वही बाघिन है जिसने पहले भी हमले किए थे।

    By Devendrda Deva Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 27 Jul 2025 03:42 PM (IST)
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    खूंखार बाघिन को पकड़ने में कामयाबी हासिल की।

    देवेंद्र देवा, जागरण। पीलीभीत। न्यूरिया थाना क्षेत्र में तीन लोगों को हमला कर खाने वाली खूंखार बाघिन के बारे में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। जिसके तहत इसी बाघिन ने विगत मई माह में पूरनपुर तहसील क्षेत्र के जंगल में दो लोगों को हमला कर मार डाला था। जिसके बाद बाघिन को ट्रैक्युलाइज करके टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज के जंगल में छोड़ दिया गया था।

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    यह वही बाघिन है, इस बारे में जिम्मेदार वनाधिकारी अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टि तो नही कर रहे हैं, लेकिन कानपुर चिड़ियाधर पहुंचने के बाद इस तथ्य की जांच पड़ताल कराने की बात कह रहे हैं।

    न्यूरिया थाना क्षेत्र के गांव मेवातपुर में विगत नौ जून को युवा किसान मुकेश कुमार को खेत में हमला कर बाघिन ने अपना शिकार बनाया था। इसके बाद 14 जुलाई को फुलहर गांव में किसान दयाराम को हमला कर बाघिन ने मार डाला था। जबकि 17 जुलाई को बाघिन ने तीन जगह हमले किए थे। जिसमें सबसे पहले सैजना गांव में मीना देवी को गंभीर रूप से घायल किया। फिर मंडरिया गांव में कृष्णा देवी को हमला कर मार डाला।

    बाघिन ने किए थे हमले

    इसी गांव में नीलेश नामक किशोर को घायल कर दिया था। 20 जुलाई को बाघिन ने मेवातपुर गांव में जगदेई नामक महिला पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। ताबड़तोड़ हमलों से न्यूरिया क्षेत्र के पंद्रह किलोमीटर के दायरे में 46 दिनों तक बाघिन आतंक का पर्याय बन गई। गुरुवार को देरशाम डंडिया गांव के पास गन्ने के खेत में वन विभाग ने बाघिन को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया। बाघिन के गहनता से परीक्षण के उपरांत उसे चिड़ियाघर में भेजने का निर्णय लिया गया।

    दो लोगों पर सेहरामऊ में मारा था

    भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि यह वही बाघिन है, जिसने विगत मई माह में सेहरामऊ क्षेत्र में दो लोगों को हमला कर मार डाला था। सेहरामऊ उत्तरी के गांव नजीरगंज निवासी किसान हंसराज को 13 मई को तथा चतीपुर गांव निवासी किसान रामप्रसाद को 18 मई को हमला कर बाघिन ने मार डाला था।

    महोफ रेंज के जंगल में छोड़ा था

    विगत 25 मई को वन विभाग की टीम ने इस बाघिन को ट्रैक्युलाइज कर लिया था। जिसके दो दिन बाघिन को टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज के जंगल में छोड़ दिया गया था। महोफ रेंज का जंगल का काफी हिस्सा न्यूरिया थाना क्षेत्र में स्थित है। माना जा रहा है कि लगातार इंसानों को अपना शिकार बनाने के कारण ही बाघिन को कानपुर चिड़ियाघर भेजने का निर्णय लिया गया है।

    तीन लोगों को हमलाकर मार दिया था

    पीलीभीत न्यूरिया थाना क्षेत्र में 46 दिनों तक पंद्रह किलोमीटर के दायरे में तीन लोगों को हमला कर मौत की नींद सुलाने तथा दो लोगों को गंभीर रूप से घायल करने वाली खूंखार बाघिन शनिवार को कड़ी सुरक्षा के साथ कानपुर चिड़ियाघर के लिए रवाना कर दी गई।

    36 घंटे बाद सामान्य स्वभाव की ओर बढ़ रही बाधिन

    गुरुवार की शाम करीब सात बजे बेहोश कर बाघिन को रेस्क्यू किया गया था। जिसके लगभग पंद्रह मिनट बाद ही बाघिन को एंटी डार्ट इंजेक्शन (होश में लाने के लिए) दे दिया गया। बाघिन को टाइगर रिजर्व मुख्यालय स्थित डीएफओ आवासीय परिसर में मोबाइल पिंजरे में रखा गया। शुक्रवार रात तक बाघिन पर बेहोश की दवा का असर देखने को मिला। लेकिन शनिवार सुबह से बाघिन अपने सामान्य स्वभाव की ओर बढ़ने लगी।

    मसलन इंसानी आहट पर वह गुर्राने लगी। शनिवार को ऐसा कई बार देखने को मिला। बाघिन के स्वभाव से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि उसका जंगल के बाहरी क्षेत्र से गहरा लगाव रहा है। पूरनपुर क्षेत्र के एक युवक ने तो इस बाघिन को मीठी नाम से प्रचारित करना शुरू कर दिया है।

    विगत मई माह में खुटार रेंज के जंगल से रेस्क्यू कर महोफ रेंज में छोड़ा गई बाघिन होने के बारे में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। बाघिन के कानपुर चिड़ियाघर पहुंचने के बाद इस तथ्य की जांच पड़ताल कराई जाएगी। - मनीष सिंह, डीएफओ टाइगर रिजर्व

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