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    आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि को किया नमन

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 02 Nov 2021 11:34 PM (IST)

    पीलीभीतजेएनएन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाई गई। आयुर्वेद के महत्व पर गोष्ठी हुई। विद्यार्थियों को बताया गया कि आयुष मंत्रालय की ओर से धन्वंतरि जयंती का दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस घोषित किया है।

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    आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि को किया नमन

    पीलीभीत,जेएनएन : आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाई गई। आयुर्वेद के महत्व पर गोष्ठी हुई। विद्यार्थियों को बताया गया कि आयुष मंत्रालय की ओर से धन्वंतरि जयंती का दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस घोषित किया है।

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    मंगलवार को सुबह नीमा से जुड़े चिकित्सक सुनगढ़ी थाना चौराहा पर स्थित एक होटल में एकत्र हुए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डा. मीरा वर्मा ने भगवान धन्वंतरि के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया। इसके बाद सभी चिकित्सकों ने पूजन करके आरती की। कार्यक्रम में नीमा इकाई के अध्यक्ष डा. अश्वनी सचदेवा, डा. वीरेंद्र जैसवार, डा. पंकज, डा. आदित्य पांडेय, डा, अनिल सक्सेना समेत अन्य चिकित्सक शामिल रहे। उधर ललित हरि राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय में हवन पूजन के साथ भगवान धन्वंतरि की जयंती मनाई गई। प्राचार्य समेत सभी शिक्षिकों, चिकित्सकों व छात्र-छात्राओं की कार्यक्रम में भागीदारी रही।

    समाधान विकास समिति विपनेट क्लब के तत्वावधान में क्लब कार्यालय पर धन्वंतरि जयंती, राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। क्लब के समन्वयक लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि आयुष मंत्रालय द्वारा धन्वंतरि जयंती अर्थात धनतेरस के दिन को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस घोषित किया गया। सन 2016 से प्रतिवर्ष धन्वंतरि जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग बेहतर माना जाता है। यह चिकित्सा प्राकृतिक होती है। यह समस्या को जड़ से खत्म करने में सक्षम होती है। डा. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि भारतीय पौराणिक ²ष्टि से धनतेरस को स्वास्थ्य के देवता का दिवस माना जाता है। धन्वंतरि आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के आराध्य देवता हैं। आदिकाल में आयुर्वेद की उत्पत्ति ब्रह्मा ने की थी। रामायण, महाभारत अन्य पुराणों में आयुर्वेद चिकित्सा का वर्णन मिलता है। कोरोना काल आयुर्वेद पद्धति द्वारा ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता मिली तथा आयुष काढ़ा ने लोकप्रियता के नए आयाम प्राप्त किए। प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें अरविद कुमार ,प्रियांशु वर्मा व नेहा ने श्रेष्ठता दिखाई।