रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- मौलाना हशमत अली खां की वतन परस्ती प्रेरणादायी- कहा; तहजीब के शहर लखनऊ से...
केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की नीति पर चलते हुए देश की एकता को मजबूती दे रही है। रक्षा मंत्री ने अपने संदेश में कहा कि मौलाना हशमत अली खां ने अपनी जिंदगी में तमाम तकलीफें झेलीं लेकिन कट्टरता के आगे कभी नहीं झुके। उन्हें ऊंचे ओहदे का लालच भी दिया गया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।

जागरण संवाददाता, पीलीभीत : आस्तान ए हशमतिया की ओर से अगले महीने होने वाले मौलाना हशमत अली खां की वतन परस्ती विषय पर सेमीनार में आयोजकों की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आमंत्रित किया गया। रक्षा मंत्री ने अपनी व्यस्तता के चलते आने में असमर्थता जताते हुए सेमीनार के लिए अपना वीडियो संदेश भेजा है।
जिसमें रक्षा मंत्री ने कहा कि समाज में गंगा- जमुनी तहजीब का पैगाम उत्तर प्रदेश की धरती से ही चला जो पूरे हिंदुस्तान में फैल गया। इस तहजीब को बढ़ाने में महात्मा गांधी से लेकर पीलीभीत के मौलाना हशमत अली खां जैसे लोगों को बहुत योगदान रहा है।
रक्षा मंत्री ने अपने संदेश में कहा कि तहजीब का शहर लखनऊ से उनका खास वास्ता रहा है। उत्तर प्रदेश के संतों, सूफियों एवं फकीरों ने हमेशा कौमी एकता का संदेश समाज को दिया है। देश की एकता को मजबूती देने का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही पूरी केंद्र सरकार कर रही है।
बोले- मौलाना ने अपनी जिंदगी में तकलीफें झेलीं
केंद्र सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की नीति पर चलते हुए देश की एकता को मजबूती दे रही है। रक्षा मंत्री ने अपने संदेश में कहा कि मौलाना हशमत अली खां ने अपनी जिंदगी में तमाम तकलीफें झेलीं लेकिन कट्टरता के आगे कभी नहीं झुके। उन्हें ऊंचे ओहदे का लालच भी दिया गया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था।
देश में दीपावली, होली, ईद, बकरीद, क्रिसमस जैसे पर्व मिलजुल कर मनाने की परंपरा रही है। यही परंपरा हमारे देश की एकता को मजबूती देती है। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुसलमान के साथ ही अन्य धर्म व मजहब के लोगों को मौलाना हशमत अली खां की वतनपरस्ती से प्रेरणा लेनी चाहिए।
आस्तान ए हशमतिया के सज्जादानशीन, शहर काजी मौलाना जरताब रजा खां ने बताया कि मार्च के पहले सप्ताह में होने वाले सेमीनार के लिए रक्षा मंत्री को आमंत्रित करने के लिए वह मिले थे। उनके साथ नायब शहर काजी मौलाना मुफ्ती बुरहान रजा खां, मौलाना मशामिद रजा खां आदि भी साथ रहे।
रक्षा मंत्री ने अपनी व्यस्तता के कारण सेमिनार में शामिल हो पाने के लिए असमर्थता जताई लेकिन अपना वीडियो संदेश भेजकर हौसला बढ़ाया है। मौलाना ने स्पष्ट किया कि सेमिनार मार्च के पहले सप्ताह में या फिर अप्रैल में ईद के बाद आयोजित होगा।
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