गायों को मिल रहा हरा चारा, चोकर और गुड़
पीलीभीतजेएनएन बरखेड़ा कस्बे में नगर पंचायत की ओर से संचालित गोशाला में 80 गोवंशीय पशुओं को आश्रय मिला हुआ है। पहले ये सभी पशु सड़कों खेतों पर बेसहारा घूमते थे। इनके पेट भरने का भी कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं था। खेतों से भगाए जाने पर सड़कों पर आ जाते थे। किसी ने कुछ डाल दिया तो खा लिया। वरना अक्सर कूड़े के ढेर में चारा तलाशते रहते लेकिन गोशाला में पहुंच जाने के बाद इन पशुओं को भूसा के साथ ही चोकर हरा चारा और कभी कभी गुड़ खाने को मिलता है। साथ ही हर हफ्ते पशु चिकित्सक गोशाला का दौरा करके इन पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं।

पीलीभीत,जेएनएन : बरखेड़ा कस्बे में नगर पंचायत की ओर से संचालित गोशाला में 80 गोवंशीय पशुओं को आश्रय मिला हुआ है। पहले ये सभी पशु सड़कों, खेतों पर बेसहारा घूमते थे। इनके पेट भरने का भी कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं था। खेतों से भगाए जाने पर सड़कों पर आ जाते थे। किसी ने कुछ डाल दिया तो खा लिया। वरना अक्सर कूड़े के ढेर में चारा तलाशते रहते लेकिन गोशाला में पहुंच जाने के बाद इन पशुओं को भूसा के साथ ही चोकर, हरा चारा और कभी कभी गुड़ खाने को मिलता है। साथ ही हर हफ्ते पशु चिकित्सक गोशाला का दौरा करके इन पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं।
इस गोशाला में 80 गोवंशीय पशु है। जिसमें गायों के साथ ही बछड़े और बछिया भी शामिल हैं। इन पशुओं के लिए हरे चारे से लेकर पानी, गुड, चोकर की व्यवस्था नगर पंचायत नगर पंचायत की ओर से की जाती है। समय-समय पर पशु चिकित्सक वहां पहुंचकर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी करते हैं। अगर कोई गाय बीमार हो जाती है तो उसका उपचार किया जाता है। बारिश तथा धूप से बचाव के लिए टिनशेड तथा रात में रोशनी के लिए बिजली की व्यवस्था है। गोशाला के रखरखाव की जिम्मेदारी नगर पंचायत के देवकीनंदन उर्फ टीटू को सौंपी गई है। अधिशासी अधिकारी तथा लेखाकार भी समय समय पर व्यवस्थाओं की जांच करने के लिए पहुंचते हैं। अगर किसी व्यवस्था में कोई खामी नजर आती है तो उसे तुरंत सुचारू किया जाता है। छोटे-छोटे बछड़ा बछिया गाय का दूध पीकर एकदम स्वस्थ नजर आते हैं। कस्बे के अनेक लोग ऐसे हैं, जो प्रतिदिन गोशाला जाकर गाय को माता मानते हुए गुड़ खिलाकर सेवा कर रहे हैं। इनसेट
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गोमाता की सेवा करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसी कारण वर्षों से गाय की सेवा कर रही हूं। इससे मन को संतुष्टि मिलती है। गाय हमें बहुत कुछ देती है। दूध के साथ ही गोबर और गोमूत्र भी महत्वपूर्ण हैं। गोमूत्र का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। गाय और गोवंशीय पशुओं पर अत्याचार करने वालों को कड़ा दंड मिलना चाहिए। जैसा कि हाईकोर्ट ने भी कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करके उसका संरक्षण होना चाहिए।
कृष्णा देवी, वार्ड संख्या तीन
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