36 साल से जिले में नहीं खुला कांग्रेस का खाता
पीलीभीतजेएनएन जनपद में 36 साल से कांग्रेस अज्ञातवास पर है। 1985 में जिले तीन सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थीउसके बाद कांग्रेस का जनपद से कोई उम्मीदवार चुनाव जीत कर विधानसभा नहीं पहुंच सका है। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए जिद्दोजहद कर रही है।

पीलीभीत,जेएनएन : जनपद में 36 साल से कांग्रेस अज्ञातवास पर है। 1985 में जिले तीन सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी,उसके बाद कांग्रेस का जनपद से कोई उम्मीदवार चुनाव जीत कर विधानसभा नहीं पहुंच सका है। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए जिद्दोजहद कर रही है।
जिले की राजनीति में लंबे से समय से कांग्रेस हाशिये पर है। लगभग 36 साल से कांग्रेस को जनपद में एक भी सीट जीतने में सफलता नहीं मिली है। इस बार विधानसभा चुनाव की कमान कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने संभाल रखी है। चारों सीटों पर प्रत्याशी उतारे गए हैं। पार्टी ने बीसलपुर से शिखा पांडेय को मैदान में उतारा है। बरखेड़ा से हरप्रीत सिंह चब्बा, सदर विधानसभा से शकील अहमद नूरी और पूरनपुर (सुरक्षित) सीट से ईश्वर दयाल पासवान को टिकट दिया है। 1985 में जीते थे तीन विधायक
जनपद में पीलीभीत विधानसभा से 1985 में सैयद अली अशरफी चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। बीसलपुर विधानसभा से तेज बहादुर गंगवार और पूरनपुर से डा. विनोद तिवारी को जनता ने चुनाव जिताया था। 1985 के बाद जनपद में कांग्रेस पार्टी को जीत नसीब नहीं हो सकी है।
कांग्रेस का कमजोर संगठन जीत में रोड़ा
जनपद में लंबे समय से नेतृत्व विहीन है, जिस वजह से कांग्रेस का संगठन बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक कमजोर होता चला गया। पार्टी में गुटबाजी भी हावी है, जिस वजह से पार्टी के पास जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की कमी है। विधानसभा चुनाव में प्रचार वर्चुअल प्रचार शुरू हो चुका है। ऐसे में कांग्रेस के पास युवाओं की कमी उसके लिए घातक साबित हो सकती है। आधी आबादी को साधने की जुगत में कांग्रेस
साढ़े तीन दशक से अज्ञातवास पर चल रही कांग्रेस जीत दर्ज करने के लिए आधी आबादी को साधने की जुगत में है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा दिया है। उन्होंने टिकट में भी 40 प्रतिशत महिलाओं को यूपी विधानसभा में देने का एलान किया है। पार्टी ने बीसलपुर विधानसभा से शिखा पांडेय को मैदान में उतारा है। बीसलपुर में तीन लाख 58 हजार 345 मतदाता है। जिसमें एक लाख 65 हजार 475 (60.28 प्रतिशत) महिला मतदाता है। 14 बार जीते कांग्रेस के उम्मीदवार
सदर विधानसभा में कांग्रेस ने पांच बार जीत दर्ज की है। 1957 में निरंजन सिंह, 1962 रामरूप सिंह, 1969 अली जहीर, 1980 चरनजीत सिंह और 1985 में सैयद अली अशरफी जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। बरखेड़ा विधानसभा में कांग्रेस का 1980 बाबूराम ने खाता खोला था। इस विधानसभा में दूसरी वार पार्टी के उम्मीदवार को जीत नसीब नहीं हुई। पूरनपुर में 1962-67 में मोहनलाल आचार्य, 1980-85 में विनोद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। बीसलपुर विधानसभा में 1962 दुर्गाप्रसाद ने कांग्रेस को जीत दिलाई, इसके बाद 1974, 1980-85 में तेज बहादुर गंगवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। फैक्ट फाइल
1440310 जनपद में कुल मतदाता 767480 जनपद में कुल पुरूष मतदाता
672771 जनपद में कुल महिला मतदाता
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