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    मौसम के रुख से वैज्ञानिक भी हैरान

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 14 Jan 2019 10:38 PM (IST)

    इस बार मौसम के रुख से किसान ही नहीं बल्कि कृषि वैज्ञानिक भी हैरान हैं। जिन दिनों कोहरा और बादल होने चाहिए उन दिनों तेज धूप खिल रही है।

    मौसम के रुख से वैज्ञानिक भी हैरान

    पीलीभीत : इस बार मौसम के रुख से किसान ही नहीं बल्कि कृषि वैज्ञानिक भी हैरान हैं। जिन दिनों पूरे दिन घना कोहरा या आसमान पर बादल छाए रहते रहे हैं, उन्हीं दिनों में इस बार अच्छी धूप खिल रही है। अधिकतम तापमान में अपेक्षित कमी नहीं होने की वजह से गेहूं की फसल प्रभावित हो रही है।

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    पिछले वर्षो में देखा गया है कि पंद्रह दिसंबर से लेकर 26 जनवरी गणतंत्र दिवस तक कभी पूरे दिन घना कोहरा तो कभी आसमान पर बादल और बारिश होती रहती है। जनवरी के अंत में ही मौसम पूरी तरह खुलता रहा है। इस बार स्थिति अलग है। दिसंबर के महीने में चार-पांच दिन ही कोहरा आया लेकिन वह भी ज्यादा देर तक नहीं ठहरा। बादल तो सिर्फ दो दिन हुए लेकिन बारिश के नाम पर हल्की बूंदाबांदी ही होकर रह गई। राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र ¨सह ढाका के अनुसार जब कोहरा और बादल घिरने से ठंड बढती है तो गेहूं की फसल की अच्छी बढ़वार होती है। ऐसे मौसम में ही पौधों से नए कल्ले फूटते रहते हैं। इस बार कहीं कहीं पौधों में कल्ले कम बने हैं। मौसम में इस बदलाव का कारण वह पश्चिमी विक्षोभ का इस बार हल्का रह जाना मानते हैं। उनके अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के पठारी भागों में एक क्लाइमेट बनता है, उसे ही पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है। जिस तरह से समुद्र से मानसून उठता है, उसी तरह से पश्चिमी विक्षोभ भी उठता है जो इस बार हल्का रह गया। ऐसा वह जलवायु परिवर्तन के कारण होने की संभावना जताते हैं। हालांकि कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि गेहूं की पैदावार पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि कोहरा और बादल ज्यादा दिनों तक भले ही नहीं रहे लेकिन न्यूनतम तापमान काफी कम रहा है।