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मैलानी रूट पर ब्रॉडगेज का रुका काम

कोरोना काल के दौरान तराई के जिले में भले ही यात्री ट्रेनों का संचालन बंद रहा लेकिन इस बीच रेलवे के विकास कार्य जारी रहे। पीलीभीत से बरेली तक ट्रैक का विद्युतीकरण हो गया। टनकपुर रूट पर विद्युतीकरण पूरा होने वाला हैलेकिन मैलानी रूट पर ब्रॉडगेज कार्य अटका रह गया। इससे जिले के पूरनपुर तहसील क्षेत्र के लोगों को ब्रॉडगेज ट्रेन की सुविधा के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 10:41 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 10:41 PM (IST)
मैलानी रूट पर ब्रॉडगेज का रुका काम
मैलानी रूट पर ब्रॉडगेज का रुका काम

पीलीभीत,जेएनएन : कोरोना काल के दौरान तराई के जिले में भले ही यात्री ट्रेनों का संचालन बंद रहा लेकिन इस बीच रेलवे के विकास कार्य जारी रहे। पीलीभीत से बरेली तक ट्रैक का विद्युतीकरण हो गया। टनकपुर रूट पर विद्युतीकरण पूरा होने वाला है,लेकिन मैलानी रूट पर ब्रॉडगेज कार्य अटका रह गया। इससे जिले के पूरनपुर तहसील क्षेत्र के लोगों को ब्रॉडगेज ट्रेन की सुविधा के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।

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इस रूट पर संडई हाल्ट से माला स्टेशन तक करीब दस किमी तक ट्रैक के दोनों ओर टाइगर रिजर्व का जंगल है। वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र रेलवे अब तक हासिल नहीं कर सका है। ऐसे में ब्रॉडगेज का कार्य बाधित है। ऐसे में इस साल भी मैलानी रूट पर ट्रेन चल पाने की संभावना नहीं हैं। जिले का पूरनपुर क्षेत्र इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है। पीलीभीत से बीसलपुर होते हुए शाहजहांपुर के शहबाजनगर तक ब्रॉडगेज का कार्य पिछले साल ही पूरा हो गया था। इस नए ट्रैक का सीआरएस भी ओके हो चुका है। कोरोना काल के बाद जब ट्रेनों का संचालन शुरू होगा, तो इस रूट पर भी पैसेंजर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। अलबत्ता पूरनपुर तहसील क्षेत्र की बड़ी आबादी को ब्रॉडगेज की ट्रेन में सफर करने के लिए इंतजार करना होगा। जिले का जंगल पीलीभीत टाइगर रिजर्व बन चुका है। ऐसे में जंगल के बीच ब्रॉडगेज की रेलवे लाइन का निर्माण करने की अनुमति जिले का वन विभाग नहीं दे सकता। इसके लिए देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान से ही हरी झंडी मिलने पर आगे कार्य शुरू हो सकेगा। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह के अनुसार रेलवे की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए वन विभाग को आवेदन भेजा गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने उसे भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून भेज दिया है। वहां से अभी एनओसी जारी नहीं हुई है। एनओसी जारी होते ही छूटे हुए हिस्से में ब्राडगेज के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।


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