250 करोड़ से बनेगा 32 सौ मीटर लंबा शारदा नदी पर पुल
पीलीभीत जेएनएन शारदा की तबाही का दंश झेल रही ट्रांस शारदा क्षेत्र की पौने दो लाख की ज

पीलीभीत, जेएनएन : शारदा की तबाही का दंश झेल रही ट्रांस शारदा क्षेत्र की पौने दो लाख की जनता का नदी पर पक्का पुल बन जाने से सीधे जुड़ाव हो जाएगा। सेतु निगम की तरफ से शारदा पर पुल के निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मुख्य अभियंता को भेजा गया है। इससे पुल निर्माण की आस जगी है।
कई दशक से शारदा हजारा क्षेत्र में भारी तबाही मचाती है। कई गांवों को काट चुकी है। गांवों के ग्रामीण बेघर होकर जंगल में घास फूस की झोपड़ी डालकर समय गुजार रहे हैं। यहां रहने वाली जनता का चार माह तक तहसील, जिला मुख्यालय से संपर्क कटा रहता है। बाकी दिनों के आवागमन के लिए शारदा की धारा में पेंटून पुल का निर्माण कर दिया जाता है। इन चार माह में यहां के लोगों को सवा सौ किमी. का चक्कर लगाकर तहसील और जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से परेशानी के साथ ही समय भी खराब करना पड़ता है। यहां की जनता पिछले कई दिनों से शारदा पर पक्के पुल की मांग कर रही है लेकिन उनकी मांग परवान नहीं चढ़ सकी है। अब उनकी आस पूरी होते दिख रही है। इन क्षेत्रों को होगा लाभ
नहरोसा, राणाप्रतापनगर, कुठिया गुंदिया, विजयनगर, श्रीनगर, कबीरगंज, मौरनिया गांधीनगर, शांतिनगर, रामनगर, अशोकनगर, शास्त्रीनगर, भरतपुर, नेहरूनगर, लक्ष्मणनगर, बमनपुरी भगीरथ, बेल्हा, सिघाड़ा उर्फ टाटरगंज, कंबोजनगर, राघवपुरी, धर्मपुरी, भगवानपुरी, बाजारघाट सहित 17 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। वन विभाग से मिलेगी एनओसी
ट्रांस शारदा क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा सामाजिक वानिकी प्रभाग के अधीन आता है। पक्का पुल बनाए जाने को लेकर इसकी एनओसी भारत सरकार की तरफ से दी जानी है। एनओसी को लेकर दिक्कत आ सकती है। वहीं पुल बन जाने से हजारा क्षेत्र की आबादी को काफी लाभ मिलेगा।
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वर्जन
शारदा पर पक्के पुल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिल चुका हूं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मिला हूं। केंद्रीय मंत्री की तरफ से पुल निर्माण के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा गया है। जल्द ही पुल बनकर तैयार होगा।
-बाबूराम पासवान, विधायक पूरनपुर
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शारदा पर 32 सौ मीटर लंबा और साढ़े सात मीटर चौड़ा पक्का पुल बनाने के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रस्ताव मुख्य अभियंता केटू लखनऊ को भेजा गया है। आरक्षित वन क्षेत्र की तरफ से एनओसी मिलने के बाद पुल का निर्माण हो सकेगा। एनओसी के लिए प्रयास किया जा रहा है।
-बिजेंद्र मौर्य, डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर, सेतु निगम, बरेली
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