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    जागरूकता के हथियार से करें डेंगू पर प्रहार

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 24 Jul 2017 01:15 AM (IST)

    -बारिश का मौसम डेंगू के संवाहक मच्छरों के लिए मुफीद, सितंबर तक रहेगी मुश्किल -डेंगू के मच्छर

    जागरूकता के हथियार से करें डेंगू पर प्रहार

    -बारिश का मौसम डेंगू के संवाहक मच्छरों के लिए मुफीद, सितंबर तक रहेगी मुश्किल

    -डेंगू के मच्छर दिन में ज्यादा हमलावर होते हैं, मच्छरों से बचाव ही अचूक इलाज

    सरोकार : स्वस्थ समाज

    जागरण संवाददाता, पीलीभीत : बारिश के दिनों में मौसम नम होते ही ही मच्छर जनित रोगों के पांव पसारने का खतरा बढ़ गया है। इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक डेंगू बुखार की वजह बनने वाले इजिप्टी मच्छर होते हैं। डेंगू बुखार की अनदेखी जानलेवा हो सकती है। इसके लक्षण, कारण, निवारण जान लें तो यह भी दूसरे बुखार की तरह सामान्य की श्रेणी में आ खड़ा होगा। बशर्ते इस मौसम में मच्छरों से बचाव करें, किसी तरह की परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर को दिखाएं, जल्द ठीक हो जाएंगे।

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    क्या है डेंगू बुखार

    डेंगू मच्छर जनित वायरल बुखार है।

    बारिश के दिनों में मादा एडीज इजिप्टी मच्छरों के काटने से डेंगू बुखार होता है। जुलाई एवं अगस्त माह को इस खतरनाक बुखार के मौसम के रूप में जाना जाता है। दरअसल, दोनों ही महीने में एडीज इजिप्टी मच्छर को मौसम मुफीद होने के कारण ताकत मिलती है। अहम वजह है कि दोनों ही माह में बारिश के कारण जगह-जगह जलजमाव होता है। जिसमें मच्छरों को पनपने के लिए दाना-पानी मिलता है।

    डेंगू के लक्षण

    1-तेज बुखार होना।

    2-आंखों में दर्द, जलन, चुभन।

    3-जी मिचलाना, उल्टी जैसा महसूस होना।

    4-शरीर में थकावट एवं कमजोरी महसूस होना।

    5-त्वचा पर चकत्ते उभरना।

    6-गर्दन पीठ में दर्द होना।

    7-जोड़ों, मांसपेशियों में ऐंठन दर्द।

    ऐसे करें बचाव

    1-ऐसे कपड़े पहने जिससे पूरा शरीर ढंका हो।

    2-सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

    3-कूलर का उपयोग करते हैं तो उसकी सफाई का ध्यान रखें।

    4-कमरों के लगे जाली टूटे हों तो उसे दुरुस्त करा लें।

    डेंगू बुखार होने पर क्या खायें-पियें

    डेंगू बुखार होने पर ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें। पानी पीना भी लाभकारी होता है। डेंगू होने पर शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती है।

    प्लेटलेट्स खून में मिश्रित एक अवयव है। इसकी कमी होने पर ब्लड शरीर से बाहर निकलने लगता है। डेंगू बुखार पीड़ितों के शरीर में जगह-जगह चकत्ते निकल आते

    हैं। डेंगू बुखार पीड़ितों के लिए यह खतरनाक स्थिति है। चिकित्सकीय मशविरा के आधार पर खान-पान में सुधार संजीवनी साबित हो सकती है।

    यूं तो डेंगू बुखार कोई हौवा नहीं है। बशर्ते लोग जुलाई-अगस्त माह में बुखार होने पर सतर्कता बरतें। डेंगू हेमरेजिक होने पर परेशानी हो सकती है। इस हालात में प्लेटलेट्स कम होने पर शरीर से ब्लड का रिसाव शुरू हो जाता है। ऐसे में बुखार होने पर चिकित्सक को दिखाएं। एक-दो दिन दिखाने की स्थिति न बने तो साधारण रूप से पैरासीटामॉल की गोली खाएं। मच्छरों से बचाव ही इससे बचाव का अचूक हथियार है।'

    डॉ. सीबी चौरसिया

    वरिष्ठ परामर्शदाता, जिला अस्पताल।

    डेंगू बुखार इस मौसम में ज्यादा फैलता है। इसके मद्देनजर छह बेड आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। हमारे यहां इलाज की पूरी व्यवस्था है। अस्पताल पहुंचने पर रोगियों को दिक्कत न हो इसके लिए चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों की विशेष तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है।

    डॉ. आरसी शर्मा

    मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

    जिला अस्पताल।