25 दिसंबर तक कर सकते हैं गेहूं बुवाई
पीलीभीत : जो किसान अपने खेतों से पेड़ी गन्ने की कटाई करके गेहूं की बुवाई करना चाह रहे हैं, उनके लिए अ
पीलीभीत : जो किसान अपने खेतों से पेड़ी गन्ने की कटाई करके गेहूं की बुवाई करना चाह रहे हैं, उनके लिए अभी अवसर है। पच्चीस दिसंबर तक देर से बोई जाने वाली प्रजाति का गेहूं बीज बोया जा सकता है। किसानों के लिए विलंब से बोई जाने वाली प्रजाति पीबीड्ल्यू 373, पीबीडब्ल्यू-16, पीबीडब्ल्यू14, पीबीडब्ल्यू-226 व पीबीडब्ल्यू 154 गेहूं बीज राजकीय कृषि बीज भंडारों पर भी उपलब्ध है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। सरकारी बीज की खरीद पर किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है। बुधवार को दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एसएस ढाका ने सुधी पाठकों के सवालों के जवाब टेलीफोन पर दिए। इस दौरान उन्होंने सवालों के जवाब में कहा कि गेहूं बुवाई के समय खेत में ¨जक डालना न भूलें। अगर पहले बुवाई कर चुके हैं और ¨जक नहीं डाल पाए तो अब यूरिया के साथ ¨जक का घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव कर सकते हैं।
सवाल : सरसों की अधिक पैदावार हासिल करने के लिए क्या करना चाहिए।
चमन बाबू, ग्राम तिल्छी
जवाब : जब फसल में फूल आने लगते हैं तो रोग भी आ जाता है। अगर फसल में रोग लग जाए तो दवा के साथ ही सल्फर का भी प्रयोग करें। लगातार देखभाल करेंगे तो अच्छी पैदावार मिलेगी।
सवाल : गन्ने की खेती के साथ ही पपीता की फसल भी करना चाहते हैं। इसके लिए क्या करना होगा।
सर्वेश कुमार कश्यप, ग्राम घुंघचैया
जवाब : गन्ने के खेतों की मेड़ पर पपीता की खेती आसानी के साथ की जा सकती है। उद्यान विभाग से पपीता का बीज लेकर नर्सरी तैयार कर लें। पौधे खरीदेंगे तो मंहगे पड़ेंगे।
सवाल : गेहूं की फसल में मुंडी व मकोय दोनों हो रहे हैं। कैसे और क्या स्प्रे करना चाहिए।
असद मलिक एडवोकेट, हरिहरपुर हसन
जवाब : सल्फो सल्फ्यूरान व मैट सल्फ्यूरान को मलाकर स्प्रे कर दें। इससे दोनों ही समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
सवाल : पर्यावरण प्रभावित हो जाने की वजह से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। इसे कैसे रोका जा सकता है।
डा. प्रदीप सक्सेना, गोदावरी इस्टेट
जवाब : इसके लिए सभी दोषी हैं लेकिन खेती में पर्यावरण ज्यादा प्रभावित न हो, इसके लिए किसानों को लगातार जागरुक किया जा रहा है।
सवाल : गेहूं बोया था लेकिन कल्ले बहुत ही कम निकल रहे हैं। क्या मटर की बुवाई इस समय कर सकते हैं।
किशोर मिश्रा, ग्राम महुआ गुंदे
जवाब : 21 प्रतिशत वाली ¨जक एक किलो तथा यूरिया दो किलों मिलाकर घोल तैयार करें। इसका खेत में स्प्रे कर दें। मटर की बुवाई का समय अब निकल चुका है।
सवाल : इन दिनों गेहूं की फसल कर रखी है इसमें किस तरह के कीट या रोग लग सकते हैं।
संगीता, काशीपुर
जवाब : इस मौसम में रबी फसलों में माहू कीट का खतरा बढ़ जाता है। तराई की वजह से यह दिक्कत ज्यादा आती है। इसके लिए प्रोपीमोनाजोल का इस्तेमाल करें।
सवाल : बुवाई के समय खेत में ¨जक नहीं डाल सका। अब क्या किया जा सकता है।
मो. इमरान, बरखेड़ा
जवाब : अब ¨जक व यूरिया का घोल तैयार करते फसल पर स्प्रे कर सकते हैं। एक किलो ¨जक व दो किलो यूरिया का घोल एक एकड़ फसल के लिए उपयोग कर सकते हैं।
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