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    करते गंगा को खराब और देते गंगा की दुहाई

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    Updated: Thu, 04 Dec 2014 11:16 PM (IST)

    पीलीभीत : सामने मंच पर मौजूद देश के नामचीन संगीतकार, गायक रवीन्द्र जैन और पंडाल में बैठे तमाम श्रोता

    पीलीभीत : सामने मंच पर मौजूद देश के नामचीन संगीतकार, गायक रवीन्द्र जैन और पंडाल में बैठे तमाम श्रोताओं की मौजूदगी। रामचरित मानस की चौपाई मंगल भवन अमंगल हारी.. से शुरू हुआ संगीत की इस महफिल का सफर अपने जमाने की हिट फिल्म नदिया के पार के गीत अंगना में आई बहार भौजी तक चलता रहा। हर प्रस्तुति पर पंडाल में तालियों की गड़गड़ाहट और वाह-वाह के स्वर गूंज उठते। शहर के ड्रमंड राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान पर चल रहे खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी महोत्सव में सुर और संगीत के बादशाह रवीन्द्र जैन ने बुधवार की रात को यादगार बना दिया। रात ठीक नौ बजे वह महोत्सव के मंच पर पहुंच गए। संगीतमय गणेश वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके तुरंत बाद श्री जैन ने माइक संभाला और अपने अंदाज में श्रोताओं का अभिवादन करने के साथ ही वेदों के कुछ मंत्रों का काव्यात्मक अनुवाद गाया। फिर सीधे श्रोताओं से मुखातिब होकर बोले : पहले क्या सुनना पसंद करेंगे, फिल्मी गाने या रामायण की चौपाइयां। पंडाल से समवेत स्वर गूंजे-चौपाइयां सुनाइये पहले। इस पर मुस्कराते हुए श्री जैन ने कहा कि कई साल से प्रत्येक प्रोग्राम में यही मांग उठती है। उन्होंने सुर साधते हुए रामचरित मानस की चौपाई मंगल भवन अमंगल हारी, राम सियाराम, सियाराम जै-जै राम गाया तो श्रोता झूम उठे। गंगा मैया को याद करते हुए उन्होंने इस पतित पावनी नदी के प्रदूषित होने की टीस को भी अपनी वाणी दी। अपने समय की हिट फिल्म राम तेरी गंगा मेरी का शीर्षक गीत- राम तेरी गंगा मैली हो गई पापियों के पाप ढोते-ढोते को पूरी तन्मयता के साथ सुनाया। इसके साथ ही उन्होंने नात मनकबत के भी उसी खूबी के साथ गाते हुए खूब तालियां बटोरीं। फिर कुछ देर के लिए विश्राम ले लिया। इस दौरान उनके साथ आए गायक-गायिकाओं ने गीत और भजन पेश किए। कार्यक्रम का संचालन कर रहे किशोर चतुर्वेदी ने शास्त्रीय संगीत पर आधारित मन्ना डे का गाया मशहूर गीत- लागा चुनरी में दाग छुड़ाऊं कैसे, गाते हुए अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। श्री जैन की टीम में शामिल गायिका स्वाति रिजवी ने राम तेरी गंगा मैली फिल्म का ही गीत- एक राधा एक मीरा दोनों हरि नाम की प्यासी, अंतर क्या दोनों की भक्ति में बोलो, एक प्रेम दीवानी एक दरश दीवानी गाकर समां बांध दिया। टीम के अन्य गायकों ने भी कई गीत, भजन प्रस्तुत किए। दूसरे राउंड में श्री जैन ने फिर माइक संभाला और इस बार किशोर दा के गाए मशहूर गीत- घुंघरू की तरह बजता ही रहा हूं मैं को अपनी आवाज दी। अपने जमाने की सुपर हिट फिल्म नदिया के पार में गाया गीत- सांची कहूं तोरे आवन से हमरे अंगना में आई बहार भौजी गाकर श्री जैन ने श्रोताओं को अहसास करा दिया कि तीन दशक पुराने इस गीत को अभी तक वह सुरों की उसी गहराई से गाने की क्षमता रखते हैं। इस अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री हाजी रियाज अहमद ने श्री जैन व उनकी टीम के सदस्यों को पीलीभीत की जग प्रसिद्ध बांसुरी तथा शाल भेंट की।

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    इनसेट

    एक गीत में गा दिया पीलीभीत का इतिहास

    संगीतकार और गायक रवीन्द्र जैन ने पीलीभीत का इतिहास, भूगोल और यहां की विशेषताओं को महज एक गीत के माध्यम से गाते देख श्रोता आश्चर्य चकित रह गए। स्वरचित चौपाइयों वाले उनके इस गीत में यहां के मंदिर, मस्जिद, दरगाह, जंगल, नदियों आदि के महत्व को रेखांकित किया।

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    राजकपूर को याद कर भावुक हुए दादू

    अपने शुभ¨चतकों के बीच दादू के नाम से मशहूर रवीन्द्र जैन ने राम तेरी गंगा मैली फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि पतित पावनी गंगा मैया में प्रदूषण की समस्या को फिल्म इंडस्ट्री के शो मैन रहे निर्माता, निर्देशक व अभिनेता राज कपूर ने शिद्दत से महसूस किया था। यह फिल्म उनकी इसी सोच का परिणाम रही। हालांकि अब तो गंगा की सफाई का महा अभियान शुरू हो चुका है। श्री जैन ने राजकपूर के प्रति भावुक होते हुए इस फिल्म के राधा-मीरा वाले गीत के उस अंतरा को भी सुनाया, जिसे बकौल उनके फिल्म के गाने में रिकार्ड नहीं किया था।-------

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