UP News: पॉलिटेक्निक में 67 हजार से अधिक छात्रों ने लिया प्रवेश, सीटें फिर भी खाली, यह है असल वजह
उत्तर प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में इस वर्ष 67353 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। पिछले वर्ष की तुलना में छात्रों की संख्या बढ़ी है लेकिन फिर भी 84 हजार से अधिक सीटें खाली हैं जिनमें सबसे ज्यादा निजी कॉलेजों की सीटें हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इंजीनियरिंग और तकनीकी डिग्री कोर्स की ओर रुझान बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के पालिटेक्निक संस्थानों में इस साल दाखिला प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या 5.25 प्रतिशत अधिक रही, फिर भी 84 हजार से ज्यादा सीटें खाली रह गईं। इनमें से सबसे बड़ा झटका निजी कालेजों को लगा है, जहां 71,501 सीटों पर प्रवेश नहीं हो पाया है।
प्रदेश में राजकीय, एडेड और निजी क्षेत्र के कुल 458 पालिटेक्निक संस्थान हैं, जिनमें इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठ्यक्रम की 1,59,953 सीटें स्वीकृत हैं। पिछले शैक्षणिक वर्ष में सात चरणों की प्रवेश प्रक्रिया के बाद 62,579 छात्रों ने प्रवेश लिया था, जबकि 97,374 सीटें खाली रह गई थीं।
इस बार 442 संस्थानों में 1,51,075 सीटें थीं, जिनमें से 67,353 छात्रों ने प्रवेश लिया। यानी, दाखिले बढ़ने के बाद भी इस सत्र में 84,044 सीटें खाली रह गईं। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार सीटें खाली रहने की वजह इंजीनियरिंग और टेक्निकल डिग्री कोर्स की ओर झुकाव है, अब बहुत से छात्र सीधे बीटेक या आइटीआइ को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कई प्राइवेट कालेजों में बुनियादी ढांचा और फैकल्टी की कमी से छात्र प्रवेश लेने से बचते हैं। छात्रों का आइटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल स्किल और पैरामेडिकल जैसे क्षेत्रों की ओर छात्रों का रुझान बढ़ा है।
तकनीकी शिक्षा के जानकार वी आर्य का कहना है कि अब राजकीय पालिटेक्निक संस्थानों को जिस तरह से टाटा टेक्नोलाजी लिमिटेड की ओर से आधुनिक करने का प्रयास किया जा रहा है, उससे राजकीय पालिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश लेने वालों की संख्या बढ़ी है।
कहां-कहां सीटें खाली
संस्थान | रिक्त सीटें |
एडेड | 2,801 |
राजकीय | 5,304 |
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (सरकारी) | 1,019 |
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (निजी) | 3,097 |
निजी | 71,501 |
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