Updated: Sat, 06 Sep 2025 05:07 PM (IST)
कानपुर में गंगा नदी में दो बच्चों के डूबने से उनके परिवारों में मातम छा गया। कार्तिकेय नाम का एक लड़का जो अपने नाना के घर आया था अपने दोस्तों के साथ गंगा में नहाने गया और डूब गया। दूसरे लड़के का नाम सूर्या था। दोनों परिवारों का कहना है कि अगर बच्चों ने उन्हें बताया होता तो वे उन्हें गंगा में नहाने नहीं जाने देते।
जागरण संवाददाता, कानपुर । गंगा में डूबे कार्तिकेय परिवार का इकलौता बेटा था, जो अपने नाना के घर आया था। परिवार उसके कपड़े देख फफक पड़े। बोले कि स्कूल की छुट्टी न होती तो बेटा न जाता और शायद वह जिंदा होता।
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मुहल्लेवाले भी बोले कि बच्चों की नादानी और घरवालों को बिना बताए नहाने जाने में दो परिवार के बेटे गंगा में समा गए। सनिगवां डबल निवासी फैक्ट्री कर्मी रिंकू के परिवार में पत्नी अन्नू, बेटी रिमझिम और इकलौता बेटा कार्तिकेय उर्फ रौनक शुक्ला थे।
स्कूल की छुट्टियां होने पर अपने नाना के घर जाता था
अन्नू ने बताया कि बेटा अक्सर स्कूल की छुट्टी होने पर शिवशंकर पुरम निवासी अपने नाना प्रेम नारायण के घर घूमने जाता था। शुक्रवार को भी बारावफात पर छुट्टी होने वी सुबह करीब 11 बजे नाना के घर चला गया था। वहां उसने दोपहर करीब साढ़े 12 बजे खाना खाया।
इसके बाद मुहल्ले के दोस्त गोविंद उर्फ सूर्या के घर जाने की बात कहकर निकल गया था, जिसके बाद कार्तिकेय व सूर्या तीसरे दोस्त रौनक द्विवेदी के घर पहुंच गए और उनकी मां से साइकिल मांगी।
रौनक द्विवेदी के बड़े भाई दीपक के अनुसार, दोनों को बताया कि साइकिल में हवा न होने की बात कही तो दोनों ने कहा कि हम हवा भरवा देंगे। तब उन्हें साइकिल दी। इसके कुछ देर बाद रौनक द्विवेदी भी घर पर बिना कुछ बताए निकल गया था।
बाद में पता चला कि तीनों गंगा नहाने गए थे, जिसमें सूर्या और कार्तिकेय उर्फ रौनक डूब गए। दोनों के परिवार ने कहा कि बच्चों ने अगर उन्हें बताया होता तो वह कभी उन्हें न जाने देती। वहीं, सूर्या के परिवार में मां पूनम, पिता सतीश और छोटा भाई है।
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