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    UP News: शासन की योजनाओं को जनजातीय गांवों तक पहुंचाने के लिए कर्मयोगी अभियान, 27 अगस्त तक चलेगा कार्यक्रम

    लखनऊ में आदि कर्मयोगी अभियान शुरू हुआ जिसका उद्देश्य जनजातीय समाज को आत्मनिर्भर बनाना है। चार दिवसीय स्टेट प्रोसेस लैब में स्वास्थ्य वन विभाग और अन्य विभागों के प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह अभियान एक लाख से अधिक जनजातीय गांवों तक शासन की योजनाओं को पहुंचाने का लक्ष्य रखता है। मंत्री असीम अरुण ने इसे ऐतिहासिक प्रयास बताया जिसका नेतृत्व जनजाति कल्याण विभाग कर रहा है।

    By Vivek Rao Edited By: Shivam Yadav Updated: Mon, 25 Aug 2025 11:20 AM (IST)
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    शासन की योजनाओं को जनजातीय गांवों तक पहुंचाने के लिए चलेगा अभियान

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जनजातीय समाज को आत्मनिर्भर और शासन की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए लखनऊ में रविवार को आदि कर्मयोगी अभियान के तहत स्टेट प्रोसेस लैब की शुरुआत हुई। यह चार दिवसीय कार्यक्रम 27 अगस्त तक चलेगा।

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    इस स्टेट प्रोसेस लैब में स्वास्थ्य, वन विभाग, आइसीडीएस और ग्राम्य विकास विभाग के चार मास्टर ट्रेनर और उत्तर प्रदेश के सात जनपदों सोनभद्र, लखीमपुर खीरी, बहराइच, मिर्जापुर, चंदौली, गोंडा और ललितपुर से आए 45 डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा।

    ये प्रशिक्षक आगे ब्लाक और गांव स्तर तक प्रशिक्षण देंगे। अभियान का उद्देश्य एक लाख से अधिक जनजातीय गांवों तक शासन की योजनाओं को पहुंचाना है। कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय समाज को शासन की मुख्यधारा से जोड़ने का ऐतिहासिक प्रयास है।

    यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अंतिम पंक्ति तक खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से पहुंचे। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित इस अभियान का नोडल विभाग उत्तर प्रदेश का जनजाति कल्याण विभाग है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास, वन, महिला एवं बाल विकास और जलापूर्ति जैसे विभागों के साथ मिलकर योजनाओं का लाभ जनजातीय समाज तक पहुंचाने का कार्य करेगा।

    समाज कल्याण अपर मुख्य सचिव वेंकटेश्वर लू, निदेशक जनजाति विकास उत्तर प्रदेश शिव प्रसाद, जनजातीय कार्य मंत्रालय के निदेशक अरविंद कुमार, उप निदेशक शिल्पा तनेजा और डॉ. प्रियंका वर्मा भी मौजूद रहे।