नियमों को ताक पर रखकर यमुना एक्सप्रेसवे पर दौड़ती रही डबलडेकर, एक साल में कट चुके थे 15 चालान
यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाग्रस्त बस के 15 चालान लंबित थे, फिर भी ड्राइवर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह लापरवाही का मामला है कि इतने चालान के बाद भी ड्राइवर को रोका नहीं गया। सवाल उठता है कि यातायात विभाग ने समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की, जिससे दुर्घटना हो गई। इस घटना की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
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हादसे के बाद क्षतिग्रस्त बस।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार देर रात हादसे का शिकार हुई बस के चालक का यातायात नियमों का उल्लंघन आदत में शामिल था। एक साल में बस के 15 चालान कटे थे। इसमें ओवर स्पीड से लेकर गलत तरीके से लेन बदलने, अवैध रिफ्लेक्टर आदि के चालान शामिल है।
15 चालान कटने के बावजूद बस मालिक ने चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई न होने से लापरवाही भरा रवैया जारी रहा। आइएसबीटी से वाराणसी चलने से पहले चालक व परिचालक ने शराब पी थी। बस बिहार मुज्जफरपुर जिले के कौशल के नाम पर पंजीकृत है। आईएसबीटी से निकलते ही उसने बस की रफ्तार तेज कर दी।
जैसे ही वह यमुना एक्सप्रेसवे पर पहुंचा उसने रफ्तार और भी ज्यादा बढ़ा दी। यात्रियों में भय इस कदर हो गया कि सिलपर बस होने के बावजूद सोने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। और ऊपरी मंजिल से नीचे आ गए। इस दौरान भी लोगों ने काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन ड्राइवर मनमर्जी और बेतरतीब ढंग से बस को चलाता रहा।
नियमों को ताक पर रखकर दौड़ती रही डबलडेकर
यमुना एक्सप्रेसवे पर अनियंत्रित होकर पलटी डबलडेकर बस लगातार नियमों को ताक पर रखकर दौड़ती रही। कार्रवाई के नाम पर यातायात पुलिस ने पिछले 10 महीनों में 13 चालान किए। जिनमें से तेज रफ्तार के यमुना एक्सप्रेसवे पर भी दो चालान शामिल है।
बस के पिछले एक साल में 15 चालान हुए। जिसमें 20 फरवरी को लाइन चेंज करने पर चार हजार रुपये, 11 मार्च को बिना परमिट का 15 हजार रुपये का चालान, दो फरवरी को भी बिना परमिट के 10 हजार रुपये का चालान, 20 फरवरी को अधिक रफ्तार के एवज में चालान हुआ।
इसके साथ ही बिना रिफ्लेक्टर व अवैध सन स्क्रीन लगाने के एवज में भी 13 हजार रुपये का पांच मार्च 2025 को न हुआ। कुल 13 चालान पेडिंग है। यमुना एक्सप्रेसयवे पर चार मई 2025 व 12 मई 2025 को भी डबलडेकर बस पर ओवर स्पीड़ के दो चालान हुए। 15 चालान में से छह चालान भर दिए।
यात्रियों की सुरक्षा से करते हैं खिलवाड़
यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते रोजाना सौ से डेढ़ सौ डबल डेकर बस गुजरती है। दिल्ली एनसीआर में पूर्वांचल के रास्ते लोग इलाहबाद कानपुर जाते हैं। अधिक कमाई के चक्कर में अन्य बसों को ओवरटेक करने के दौरान चालक यात्रियों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ करते हैं। यमुना एक्सप्रेसवे पर रात के समय चेकिंग भी नहीं होती।
पूर्व में भी एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे
- पूर्व में भी ओवरटेक करने के चक्कर में कई बार हादसे घटित हो चुके हैं।
- दो नवंबर 2022 : नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर सेक्टर 150 के समीप कैंटर ने कार में टक्कर मार दी थी। जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी जबकि तीन लोग घायल हुए थे।
- 10 नवंबर 2024 को यमुना एक्सप्रेसवे पर वृंदावन के प्रेम मंदिर और प्रताप गढ़ स्थित मनगढ़ भक्ति धाम के संस्थापक जगदगुरू कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डा. विशाखा त्रिपाठी के काफिले को एक कैंटर ने मारी टक्कर। डा. विशाखा की मौत उसकी दो बहनों समेत सात घायल हो गए थे।

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