यमुना प्राधिकरण की नई आवासीय योजना: 40 वर्ग मीटर के 3800 भूखंडों को लाने की प्लानिंग
यमुना प्राधिकरण आंतरिक सर्वे के बाद 30 वर्ग मीटर के बजाए 40 वर्ग मीटर के भूखंड लाने की योजना बना रहा है। यह योजना सेक्टर-17, 18 व 20 में करीब 3800 भूख ...और पढ़ें

आवासीय भूखंड के बजाए 40 वर्गमीटर के भूखंड लाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण ने आंतरिक सर्वे के बाद 30 वर्ग मीटर आवासीय भूखंड के बजाए 40 वर्गमीटर के भूखंड लाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। सेक्टर-17, 18 व 20 में करीब 3800 भूखंडों पर चरणबद्ध तरीके से योजना शुरू की जाएगी।
प्राधिकरण के मुताबिक काफी पहले श्रमिकों व न्यूनतम आय वर्ग के लिए 30 वर्गमीटर के आवासीय भूखंड की योजना लाने का निर्णय लिया गया था, जिसे बोर्ड में भी मंजूरी मिल थी। जांच में सामने आया कि 30 वर्गमीटर के भूखंड का प्रस्ताव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रचलित भवन मानकों व निर्माण के अनुरूप नहीं है। यह भूखंड बहुत छोटा है। इतनी जगह पर कमरे ठीक से नहीं बन पाते, सीढ़ियां व खुली जगह सुरक्षित नहीं होती व ऊपर मंजिल बनाना भी जोखिम भरा हो जाता है।
इसके मुकाबले 40 वर्ग मीटर पर घर का नक्शा ठीक से बनाया जा सकता है। मकान ज्यादा मजबूत और सुरक्षित बनता है और रहने में भी सुविधा होती है। 40 वर्गमीटर के भूखंड का वही मानक है जैसा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जैसी दूसरी सरकारी एजेंसियां भी अपनाती हैं। इसलिए यह आकार ज्यादा व्यावहारिक माना गया है।
बढ़ाई जाएगी वार्षिक आय की सीमा
भूखंड का आकार बढ़ाने के साथ ही प्राधिकरण ने वार्षिक आय का दायरा बढ़ाने की भी तैयारी की है। आवेदकों के लिए वार्षिक आय सीमा को तीन से बढ़ाकर आठ लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पहले जो आय तय की गई थी, उसके कारण कई वास्तविक लाभार्थी बाहर हो रहे थे, जो औपचारिक रोजगार में नहीं हैं, लेकिन सालाना तीन लाख रुपये से अधिक कमाते हैं।
संशोधित आय सीमा केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए अपनाए गए मानकों के काफी करीब है। इनमें फैक्ट्री मजदूर, ड्राइवर, क्लीनर, मैकेनिक, हेल्पर, गार्ड, पैकेजिंग, सफाई और मेंटेनेंस से जुड़े कर्मचारी, ढाबों, कैंटीन और छोटी दुकानों में काम करने वाले लोग आदि शामिल हैं।
सबसे अधिक भूखंड सेक्टर-18 में
योजना के तहत सेक्टर 17 में 455 भूखंड होंगे। सेक्टर 18 में सबसे अधिक भूखंड होंगे। एक पाकेट में 2236 और दूसरे पाकेट में 644 भूखंड प्रस्तावित हैं। सेक्टर 20 में 463 भूखंड होंगे। हालांकि प्राधिकरण का कहना है कि सेक्टरवार विस्तृत योजना और सीमांकन के बाद अंतिम आंकड़ा तय किया जाएगा।
सलाहकार कंपनी द्वारा 40 वर्गमीटर के भूखंड मानक और संशोधित आय सीमा को शामिल कर प्रस्ताव सौंपा जाएगा। इसके बाद अंतिम पात्रता शर्तें, कीमतें और समय-सीमा समेत विस्तृत योजना को बोर्ड के सामने रखा जाएगा। - शैलेंद्र भाटिया, एसीईओ, यीडा

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