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    366 इंडस्ट्रियल प्लॉट पर खतरा, यमुना अथॉरिटी ने दिया 10 दिन का अल्टीमेटम; नहीं मानी तो अलॉटमेंट रद

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 10:32 PM (IST)

    यमुना प्राधिकरण के 366 औद्योगिक प्लॉट आवंटियों पर प्लॉट रद होने का खतरा है। प्राधिकरण ने नोटिस जारी कर 10 दिन में लीज डीड लेने को कहा है। सेक्टरों में औद्योगिक इकाईयां कम हैं, विकास अधूरा है। आवंटियों का आरोप है कि प्राधिकरण ने बुनियादी सुविधाएं पूरी नहीं की हैं। सीईओ ने बैठक कर समस्याएं हल करने का प्रयास किया है।

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    यमुना प्राधिकरण के 366 औद्योगिक प्लॉट आवंटियों पर प्लॉट रद होने का खतरा है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना अथॉरिटी की 366 इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम के अलॉटियों पर प्लॉट कैंसिल होने का खतरा मंडरा रहा है। अथॉरिटी ने अलॉटियों को नोटिस जारी कर दस दिन के अंदर लीज डीड लेने को कहा है। इसके बाद अलॉटमेंट कैंसिल करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिन अलॉटियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन्हें 2020 से 2025 तक की चेकलिस्ट जारी की गई थी, लेकिन अभी तक लीज डीड नहीं हुई हैं।

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    यमुना अथॉरिटी ने अलग-अलग इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम में 3,041 प्लॉट अलॉट किए हैं। प्लॉट डेवलप होने के बावजूद सेक्टरों में इंडस्ट्रियल यूनिट की संख्या लगभग न के बराबर है। 2013 में पहली इंडस्ट्रियल प्लॉट स्कीम के बावजूद सिर्फ 15 यूनिट ही चालू हुई हैं। अथॉरिटी की तरफ से चेकलिस्ट जारी होने के बावजूद अलॉटी लीज डीड लेने में आनाकानी कर रहे हैं।

    सख्त रुख अपनाते हुए अथॉरिटी ने अलॉटियों को नोटिस जारी कर दस दिन के अंदर लीज डीड लेने की चेतावनी दी है। इसके बाद अलॉटमेंट कैंसिल कर दिया जाएगा। जिन आवंटियों को नोटिस जारी किया गया है, उनके पास सेक्टर 28, 29, 32 और 33 में प्लॉट हैं। कुल 366 आवंटियों को नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से कुछ आवंटियों को 2020 में चेकलिस्ट जारी की गई थी।

    अथॉरिटी के नियमों के अनुसार, चेकलिस्ट जारी होने के छह महीने के अंदर लीज डीड अनिवार्य है, जिसके बाद लेट फीस के साथ समय बढ़ाया जाता है। लेकिन, कई आवंटियों ने चार से पांच साल बाद भी लीज डीड पूरी नहीं की है। इससे इंडस्ट्रियल सेक्टर के विकास में बाधा आ रही है। अथॉरिटी के एसीईओ नागेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि अगर दस दिन के अंदर लीज डीड पूरी नहीं की गई तो आवंटन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। आवंटियों को अखबार के जरिए फाइनल नोटिस जारी किया गया है।

    अधूरे विकास और बकाया राशि की जानकारी न होने का आरोप आवंटियों का आरोप है कि अथॉरिटी ने सेक्टर का पूरा विकास नहीं किया है। सड़क, सीवर, पानी और बिजली की सुविधाएं अभी तक पूरी तरह से विकसित नहीं हुई हैं। इसके बावजूद लीज लिस्ट जारी कर दी गई। प्लॉट पर कब्ज़ा करने के बाद एंटरप्रेन्योर अपनी इंडस्ट्री कैसे चला पाएंगे?

    यमुना एक्सप्रेसवे एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ऋषभ निगम का कहना है कि सेक्टर पूरी तरह से डेवलप नहीं हुए हैं। हाई कोर्ट ने 2023 में ज़ीरो-पीरियड बेनिफिट दिया था, लेकिन अथॉरिटी ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है और अलॉटीज़ को बकाया रकम के बारे में नहीं बताया है। बिना नो-ड्यूज़ सर्टिफिकेट के लीज़ डीड कैसे की जा सकती है?

    इससे पहले, अथॉरिटी के CEO राकेश कुमार सिंह ने इंडस्ट्रियल प्लॉट के अलॉटीज़ के साथ मीटिंग की थी। उन्होंने यूनिट्स के कंस्ट्रक्शन में देरी के कारणों और उन्हें आ रही समस्याओं के बारे में पूछा, ताकि उन्हें हल किया जा सके और कंस्ट्रक्शन शुरू हो सके। इसके बाद, कई अलॉटीज़ ने कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया। दावा है कि मार्च तक 100 यूनिट्स चालू हो जाएंगी।