खेत-खलिहान से विकास की उड़ान पर जेवर विधानसभा क्षेत्र
गौतमबुद्ध नगर की जेवर विधान सभा वह क्षेत्र है जहां अब तक सबसे कम विकास हुआ है। विधानसभा क्षेत्र का कुछ हिस्सा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जबकि अधिकतर यमुना ...और पढ़ें

गौतमबुद्ध नगर की जेवर विधान सभा वह क्षेत्र है, जहां अब तक सबसे कम विकास हुआ है। विधानसभा क्षेत्र का कुछ हिस्सा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, जबकि अधिकतर यमुना प्राधिकरण में अधिसूचित है। प्रदेश का पहला एक्सप्रेस-वे (यमुना एक्सप्रेस-वे) जेवर क्षेत्र से होकर ही गुजरता है। यहां का बड़ा भूभाग यमुना नदी से सटा है। नदी के एक तरफ गौतमबुद्ध नगर तो दूसरी तरफ फरीदाबाद जिले का क्षेत्र हैं। जिले की पांचों नगर पंचायत इसी क्षेत्र में हैं। ग्रेटर नोएडा के कुछ सेक्टर और सोसायटी भी इस विधानसभा का हिस्सा है। इसलिए यहां ग्रामीण व शहरी मिश्रित आबादी है। जेवर क्षेत्र ने भी अब विकास की राह पर दौड़ना शुरू कर दिया है।
गठन से लेकर अब तक यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। वर्ष 2012 में नए परिसीमन के बाद यह सीट सामान्य हुई। पहले चरण में 10 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले यहां सियासी पारा उफान पर है। भाजपा प्रत्याशी जेवर में देश का सबसे बडा़ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क निर्माण, इनमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर एवं प्रदेश में मजबूत कानून व्यवस्था के दम पर मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं। वहीं विपक्षी दलों के प्रत्याशी एयरपोर्ट से विस्थापित किसानों की समस्या, दनकौर ब्लाक समाप्त होने और विकास में गांवों की अनदेखी को मुद्दा बनाकर मतदाताओं का भरोसा जीतने में लगे हैं। पिछली बार यहां से भाजपा के धीरेंद्र सिंह विजयी हुए थे। उन्हें 1,02,980 वोट मिले थे। बसपा के वेदराम भाटी को उन्होंने 22,173 मतों से हराया था। इस बार उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है। पेश है धर्मेंद्र चंदेल की रिपोर्ट.. बाक्स..
भाजपा ने धीरेंद्र सिंह पर फिर लगाया दांव
भाजपा ने मौजूदा विधायक धीरेंद्र सिंह पर फिर से दांव लगाया है। पिछले पांच साल के कार्यों के बूते वह फिर से जनता के पास जा रहे हैं। जेवर क्षेत्र में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, रबूपुरा में फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, तीन डिग्री कालेज, ट्रामा सेंटर व 100 बेड के अस्पताल को मंजूरी मिलने को बड़ी उपलब्धि गिनाकर फिर से जीत का सेहरा अपने सिर बांधना चाहते हैं। ग्रेटर नोएडा से जेवर तक प्रस्तावित मेट्रो, पाड टैक्सी की उपलब्धि में जोड़ रहे हैं। इसका कितना लाभ उन्हें मिलेगा, यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल सकेगा। बाक्स..
बसपा ने युवा चेहरे नरेंद्र भाटी को मैदान में उतारा
जेवर सीट पर पूर्व में बसपा का दबदबा रहा है। वेदराम भाटी, नरेंद्र कुमार व होराम सिंह बसपा के टिकट पर यहां से विधायक रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के गृह जनपद होने का प्रत्याशी लाभ उठाते रहे हैं। इस बार पार्टी ने युवा चेहरे एडवोकेट नरेंद्र भाटी डाढ़ा पर दांव लगाया है। वह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र डाढ़ा के छोटे भाई हैं। शिक्षित और सौम्य व्यवहार के कारण उनकी जनता में पैठ है। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कालेज में छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। मायावती शासनकाल में जिले में हुए विकास कार्यों के बूते नरेंद्र डाढ़ा अपनी ताल ठोक रहे हैं। वीरेंद्र डाढ़ा द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष रहते कराए गए विकास कार्यों का भी नरेंद्र भाटी लाभ लेने में जुटे हैं।
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रालोद-सपा गठबंधन से अवतार सिंह भड़ाना ठोक रहे हैं ताल
रालोद-सपा गठबंधन से फरीदाबाद के पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना मैदान में हैं। वह फरीदाबाद से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार सांसद रहे हैं। एक बार वह मेरठ से सांसद रहे हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के टिकट पर मुजफ्फरनगर के मीरापुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। इस बार वह रालोद-सपा गठबंधन से जेवर से ताल ठोक रहे हैं। उनके बार में यह प्रचलित है कि वह जहां से भी चुनाव लड़ते हैं, जीतते हैं। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में वह फरीदाबाद से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और हार गए थे। भड़ाना ने एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों की समस्या, रोजगार, गांवों का विकास न होना और दनकौर ब्लाक को समाप्त करने के मुद्दे को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया है।
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कांग्रेस से मनोज चौधरी मैदान में
कांग्रेस ने तुगलपुर गांव के रहने वाले पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी को मैदान में उतारा है। वह राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के चेहरे के सहारे अपनी नैया पार लगाने में जुटे हैं। सचिन पायलट उनके लिए गांवों में वोट भी मांग चुके हैं। सचिन पायलट का भी यह जिला गृह जनपद है, इसलिए भावनात्मक रूप से लोगों का उनके साथ जुड़ाव है। तुगलपुर गांव के रहने वाले मनोज चौधरी का परिवार क्षेत्र के प्रतिष्ठित परिवारों में शुमार हैं। उन्होंने कुछ समय पूर्व स्वेच्छा से जिलाध्यक्ष पद छोड़ दिया था। इसके बाद उन्हें पार्टी ने टिकट दिया।
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यह भी हैं क्षेत्र की प्रमुख समस्या
जेवर क्षेत्र के किसान रोजगार की मांग, गांवों में शिक्षा का ढांचा, स्वास्थ्य व परिवहन सेवा को लेकर आए दिन आंदोलन करते रहते हैं। गांवों का विकास शहरी तर्ज पर कराने की मांग भी अधूरी है। जमीन का 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा, आबादी, लीजबैक भी क्षेत्र के किसानों की बड़ी मांग है।
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विधानसभा जेवर
कुल मतदाता- 350465
पुरूष- 190619
महिला- 159828
ट्रांसजेंडर- 18

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