नोएडा की बैंकों में लावारिस पड़े 190.63 करोड़, अब वारिसों को खोजकर बांटे जा रहे रुपये
ग्रेटर नोएडा के बैंकों में लावारिस पड़े 190.63 करोड़ रुपये के वारिसों की तलाश शुरू हो गई है। विकास भवन में आयोजित शिविर में 213 खातों से 1.35 करोड़ रुपये वारिसों को लौटाए गए। आरबीआई के उद्गम पोर्टल से कोई भी व्यक्ति अपने नाम से लावारिस संपत्ति की जानकारी प्राप्त कर सकता है।

सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। जिले के विभिन्न बैंकों में लावारिश पड़े करीब 190.63 करोड़ रुपये के लिए वारिसों की तलाश शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को विकास भवन सभागार में वित्तीय संपत्तियों के वितरण एवं जनजागरूकता के लिए शिविर आयोजित कर इसकी जानकारी साझा की गई।
जिसमें बताया गया कि 213 खातों में जमा करीब 1.35 करोड़ रुपये वैध खाताधारकों के वारिसों को लौटाई जा चुकी है। अभी भी करीब 190.63 करोड़ रुपये बैंक खातों में जमा हैं। इस रकम को खाताधारकों व उनके वारिसों तक पहुंचाया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा, आरबीआई के लीड डेवलपमेंट आफिसर जसजीत सिंह कालरा तथा केनरा बैंक के सहायक प्रबंधक केएनएसजीवी प्रसाद उपस्थित रहे। शिविर का शुभारंभ लीड बैंक मैनेजर राजेश सिंह कटारिया ने अतिथियों के स्वागत के साथ किया।
उन्होंने बताया कि जनता अपनी दावा न की गई राशि को सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त कर सकती है, जिसमें ग्राहकों को अपने केवाईसी दस्तावेज और निर्धारित दावा फार्म जमा करने होते हैं। आरबीआइ एलडीओ जसजीत सिंह कालरा ने विस्तार से बताया कि किन परिस्थितियों में कोई खाता दावा न की गई सूची में शामिल हो जाता है और उस राशि को प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया क्या है।
उन्होंने आरबीआइ के उद्गम पोर्टल की विशेषताओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने नाम, मोबाइल नंबर, आधार संख्या या पैन नंबर के आधार पर देश में कहीं से भी अपने नाम पर मौजूद किसी भी दावा न की गई संपत्ति या खाते की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है। यह पोर्टल आमजन के लिए एक सरल, पारदर्शी और विश्वसनीय माध्यम उपलब्ध कराता है।

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