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    सफाई करते समय बड़ा भाई सेप्टिक टैंक में गिरा, बचाने उतरा छोटा भी हुआ बेहोश; दोनाें की मौत

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 08:17 PM (IST)

    नोएडा के सेक्टर 63 में सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय दो भाइयों की दुखद मौत हो गई। बिना सुरक्षा उपकरणों के सफाई करने के दौरान, पहले बड़ा भाई टैंक में गिरा और उसे बचाने के प्रयास में छोटा भाई भी बेहोश हो गया। दोनों को अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना से परिवार पर संकट आ गया है।

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    सेप्टिक टैंक में डूबने से दो भाइयों की मौत।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। बिना सुरक्षा उपकरण के सेप्टिक टैंक की सफाई करना कितना खतरनाक हो सकता है। इसका अंदाजा नोएडा सेक्टर 63 की चोटपुर कालोनी में दो सगे भाईयों को जान की कीमत चुकाने से लगाया जा सकता है। सेप्टिक टैंक में पहला बड़ा भाई गिरा और छोटा भाई बचाने गया तो वह भी बहोश हो गया। दोनों बचाने के दौरान घर के सामने रहने वाला साढू भी घायल हो गया।

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    गनीमत रही कि वह हार्डवेयर का काम करने के कारण मीथेन गैस के खतरे को जान गया। सूचना पर पहुंची और अग्निशमन विभाग की टीम ने टैंक के हाल को तोड़कर दोनों को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

    बुलंदशहर डिबाई के मोहल्ला होली गेट में रहने वाले चंद्रभान नोएडा सेक्टर 63 के चोटपुर कालोनी में अपने छोटे भाई राजू के परिवार व मां के साथ 30 गज के दो मंजिला मकान में रहते थे। राजू और चंद्रभान फर्नीचर की दुकान पर काम करते थे। प्रथम तल का गटर जाम होने पर रविवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे साफ कर रहे थे।

    भूतल पर बने करीब आठ फुट गहरे सेप्टिक टैंक का हाल खोलकर सरिये से सफाई करने लगे। टैंक में गैस निकलने का पाइप लगा नहीं होने से एकाएक मीथेन गैस निकलने लगी। वह एकाएक टैंक में गिर गए। आवाज सुनकर राजू बचाने को दौड़ा। सीढ़ी लगाकर एकाएक नीचे उतर गया।

    भाई को उठाकर ऊपर लाने के दौरान सीढ़ी का एक पाया टूट गया। राजू वह भी मीथेन गैस की चपेट में आ गया और बेहोश होकर टैंक के करीब दो-तीन फुट पानी में ही गिर गया। जानकारी होने पर स्वजन ने चिल्लाते हुए मदद मांगने लगे।

    शोर सुनकर घर के सामने रहने वाला साढू हेमंत एकाएक आया। साड़ी बांधकर सीढ़ियों की मदद से नीचे उतरा, लेकिन दम घुटने का आभास होने पर एकाएक बाहर आया तो पैर में चोट भी लग गई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंच गई, लेकिन गैस की तीव्रता को देखते हुए बिना उपकरण नीचे उतरना ठीक नहीं समझा। टैंक के हाल के आसपास के हिस्से को तोड़ा गया। अग्निशमन टीम को बुलाकर दोनों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।

    थाना प्रभारी अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों का पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजन को दे दिए गए। शिकायत मिलने पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

    परिवार के समक्ष रोजी रोटी का संकट

    हेमंत ने बताया कि चंद्रभान तीन भाई थे। सबसे बड़े भाई की पहले ही मौत हो चुकी है। चंद्रभान की पत्नी साथ नहीं रहती है। उनके कोई बच्चा भी नहीं है। राजू के चार बेटियां हैं। दोेनों भाईयों ने एक साल पहले ही गली नंबर एक का प्लाट बेचकर यहां पर मकान लिया था। पूरा परिवार हंसी-खुशी रह रहा था। दोनों भाई ही कमाने वाले थे। अब दोनों के जाने से परिवार के समक्ष कमाने का भी संकट पैदा हो गया है।

    टैंक बनाते समय गैस निकासी पाइप जरूर लगवाएं

    हेल्थ एक्सपर्ट डा. अमित ने बताया कि सेप्टिक टैंक से मिथेन आदि जहरीली गैसे निकलती हैं। साफ सफाई के दौरान सुरक्षा उपकरण का प्रयोग करना चाहिए। टैंक बनवाते समय गैस निकासी पाइप भी लगवाना चाहिए।