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    धार्मिक उन्माद फैलाने वाली किताबें छापने पर कंपनी की जांच शुरू, रिपोर्ट आधार पर रद होगा रंजिस्ट्रेशन

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 10:46 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में राज्य कर विभाग ने इस्तांबुल इंटरनेशनल फर्म के खिलाफ टेरर फंडिंग के आरोपों के चलते कार्रवाई शुरू की है। फर्म पर धार्मिक उन्माद फैलाने वाली किताबें छापने का आरोप है, जिसके चलते एटीएस और राज्य कर विभाग ने संयुक्त जांच शुरू की है। फर्म का पंजीयन रद करने की प्रक्रिया चल रही है।

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    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। राज्य कर विभाग ने साइट पांच स्थित इस्तांबुल इंटरनेशनल फर्म के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसका पंजीयन टेरर फंडिंग के गंभीर आरोपों के चलते रद करने की प्रक्रिया चल रही है।

    विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह फर्म फरवरी 2019 में इलेक्ट्राॅनिक गुड्स के कारोबार के नाम पर पंजीकृत थी, लेकिन वास्तव में धार्मिक उन्माद फैलाने वाली किताबों की छपाई कर रही थी।

    इन किताबों के माध्यम से संदिग्ध फंडिंग की आशंका जताई जा रही है, जो आतंकी गतिविधियों से जुड़ी हो सकती है। जांच एजेंसी एटीएस के सक्रियता के बाद राज्य कर विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच टीम का गठन किया है।

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    टीम ने फर्म के दस्तावेजों, वित्तीय लेन-देन और उत्पादन इकाई का गहन सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि फर्म ने इलेक्ट्राॅनिक गुड्स और कंप्यूटर पार्ट्स के व्यापार का लाइसेंस लिया था, लेकिन उसके प्रिंटिंग प्रेस से उग्रवादी विचारधारा वाली पुस्तकें छापी जा रही थीं।

    इन किताबों में कट्टर धार्मिक प्रचार और हिंसक सामग्री का प्रसार हो रहा था, जो सामाजिक सौहार्द को खतरे में डालने वाली थी। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि हर पहलुओं को ध्यान में रख कर मामले की छानबीन की जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर पंजीयन को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

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