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    किरायेदार, नौकर हो या मजदूर, सत्यापन है बेहद जरूरी; सुरक्षा के लिए बरतें ये सावधानियां

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 11:55 AM (IST)

    गौतमबुद्ध नगर में किरायेदारों और घरेलू सहायकों का सत्यापन सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। फीस और लंबी प्रक्रिया के कारण लोग सत्यापन से बचते हैं, जिस ...और पढ़ें

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    नोएडा सेक्टर-8 में बनी झुग्गियों में हजारों की संख्या में रह रहे है लोग। जागरण

    मुनीश शर्मा, नोएडा। गौतमबुद्ध नगर में सेक्टर, सोसायटी से लेकर गांवों में काफी किरायेदारी है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से किरायेदारों के सत्यापन को देखें तो सत्यापन कराना ही भूल जा रहे हैं, जबकि सत्यापन बेहद जरूरी है। इसके पीछे कारण फीस देना और थाने, चौकी जाकर प्रक्रिया को पूरा कराने में लगने वाला समय है।

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    यह लापरवाही घर, फ्लैट में घरेलू सहायक व सहायिका रखने के मामले में देखने को मिलती है। झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों का पूरा ब्योरा भी जिम्मेदारों के पास नहीं है। कोई भी संदिग्ध गौतमबुद्ध नगर में आकर छिप सकता है। हालांकि गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस की ओर से समय-समय पर अभियान चलाकर झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों का सत्यापन कराती है। सत्यापन की जद में सभी को लाना अभी भी दूर की बात है।

    गौतबुद्ध नगर में शैक्षणिक संस्थान, औद्योगिक इकाइयां समेत कंपनी कार्यालय आदि काफी तादाद में हैं। यहां देशभर के अधिकांश राज्यों से लोग रहते हैं। विदेशी लोग यहां रहकर नौकरी व व्यवसाय कर रहे हैं। साल दर साल बसावट और विकास दायरा बढ़ रहा है। इस कारण किरायेदारी भी खूब बढ़ रही है।

    यह चलन गांवों में ज्यादा हैं। यहां पर छोटे-छोटे कमरों में कामगार व घरेलू सहायक भी रहते हैं। यहां रहने वाले लोगों की सटीक संख्या का पता करना भी चुनौती है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से सत्यापन होना सबसे जरूरी है। इसके चलते किराये पर रहने वाले और घरेलू सहायक-सहायिका की जानकारी पुलिस के पास नहीं होती है। कोई घटना होने पर लिंक जुड़ने पर आरोपित के बारे में जानकारी होती है।

    फिर बात जुलाई 2025 में नोएडा में आतंकी जिशान अली को पकड़ने का मामला हो या फिर नोएडा से बांग्लादेशियों का पकड़ने जाना हो। सेक्टर 126 थाना क्षेत्र में पकड़ा गया बांग्लादेशी आसिफ शेख न केवल नोएडा में रह रहा था, बल्कि पीजी तक चला रहा था। इससे पहले उसका गाजियाबाद इंदिरापुरम के पीजी में नौकरी करना और फर्जी आधार कार्ड बनवाना सामने आया था। इन सब लापरवाही के चलते कोई भी यहां आकर बस सकता है।

    लालकिले जैसी न हो घटना

    आतंकी घटना जैसा नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने बताया कि समय-समय पर गांव, सेक्टर, सोसायटी में रहने वाले किरायेदारों का सत्यापन कराया जाता है। झुग्गी झोपड़ियों में भी सत्यापन कराने पर जोर है। जनवरी में तीनों जोन में अभियान चलाकर 25 हजार से ज्यादा सत्यापन किए गए थे। आगे भी अभियान चलाकर सत्यापन कराना जारी रहेगा। सत्यापन में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    लोग खुद भी कर सकते हैं सत्यापन

    पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लोग खुद भी यूपीकॉप एप डाउनलोड कर किरायेदारों का सत्यापन कर सकते हैं। आनलाइन ही 50 रुपये की फीस जमा कराकर सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। इससे इतर स्थानीय चौकी पुलिस की मदद से भी सत्यापन होता है।

    गौतमबुद्ध नगर एक नजर में

    • 1442--वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल
    • 09--विश्वविद्यालय
    • 03--तहसील
    • 81--गांव नोएडा में
    • 88--ग्राम पंचायत
    • 06--नगर पालिका व पंचायत

    यह बरती जानी चाहिए सतर्कता

    • किरायेदार रखने से पहले सत्यापन कराएं।
    • घरेलू सहायक-सहायिका का भी सत्यापन कराएं
    • किरायेदार और सहायक समेत परिवार का भी मोबाइल नंबर लें
    • संदिग्ध गतिविधि लगने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें

    इन क्षेत्रों में किरायेदारी की भरमार

    गौतमबुद्ध नगर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, दादरी, जेवर, समेत गांव देहात में किरायेदारी होती है। इनमें बहलोलपुर, छिजारसी, बिशनपुरा, रसूलपुर नवादा, नयाबांस, मामूरा, बरौला, बख्तावरपुर, असगरपुर, मोहियापुर, नंगली, शाहबेरी, इटैड़ा, हैबतपुर, हबीबपुर, तुसियाना, कुलेसरा, हलदोनी, सूरजपुर, देवला, खेड़ा चौगानपुर, बिसरख गांव आदि शामिल हैं। इसके अलावा सेक्टर 18 नाले के पास, जेजे कालोनी, सूरजपुर, कासना, नट की मढ़ैया आदि जगह पर काफी संख्या में झुग्गी झोपड़ियां हैं।