नोएडा स्पोर्ट्स सिटी: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से फ्लैट खरीदारों को मिली बड़ी राहत, 3 साल में पूरा होगा कंस्ट्रक्शन
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर 150 में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में फंसे 40,000 फ्लैट खरीदारों को राहत दी है। नोएडा अथॉरिटी और डेवलपर के समझौते के ब ...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर 150 में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में फंसे 40,000 फ्लैट खरीदारों को राहत दी है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नोएडा। सुप्रीम कोर्ट ने सेक्टर 150 में स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में फंसे करीब 40,000 फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत दी है। नोएडा अथॉरिटी और डेवलपर के बीच हुए समझौते के आधार पर कोर्ट ने अहम निर्देश जारी किए हैं, जिससे करीब तीन साल से रुके कंस्ट्रक्शन को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि नोएडा अथॉरिटी ने अपनी 201वीं बोर्ड मीटिंग में लगाई गई रोक को अगले 30-45 दिनों में हटाने का फैसला किया है। डेवलपर ने बकाया रकम चुकाने और कंस्ट्रक्शन पूरा करने की डेडलाइन भी तय की है, जिसे कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तौर पर मान लिया है। इस फैसले से न सिर्फ कंस्ट्रक्शन फिर से शुरू होगा बल्कि सभी प्रोजेक्ट्स के समय पर पूरा होने का रास्ता भी साफ होगा।
प्रोजेक्ट में स्टेडियम, एथलेटिक ट्रैक, स्विमिंग एरिना, क्रिकेट और फुटबॉल ग्राउंड समेत इंटरनेशनल लेवल की स्पोर्ट्स सुविधाएं शामिल होंगी। सेक्टर 150 को नोएडा का सबसे ग्रीन सेक्टर बनाने का प्लान है, और नियमों के मुताबिक, कुल ज़मीन का सिर्फ़ 30 परसेंट हिस्सा ही कंस्ट्रक्शन के लिए अलाउड होगा, जबकि 70 परसेंट हिस्सा ओपन-ग्रीन स्पेस और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रिजर्व होगा।
CREDAI वेस्टर्न UP के प्रेसिडेंट दिनेश गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला नोएडा समेत रियल एस्टेट सेक्टर के लिए गेम-चेंजर है। स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट में फंसे हज़ारों बायर्स को आखिरकार साफ़ दिशा और टाइमलाइन मिल गई है। बैन हटने और पेमेंट मॉडल फ़ाइनल होने के साथ, काम तेज़ी से आगे बढ़ेगा। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में ज़मीन पर बड़े बदलाव दिखेंगे, जिससे बायर्स का भरोसा और मजबूत होगा।
इस कदम से नोएडा के रियल एस्टेट डेवलपमेंट को नई रफ़्तार मिलेगी। मास्टर प्लान और बिल्डिंग प्लान अप्रूवल प्रोसेस पूरा होने के बाद कंस्ट्रक्शन फिर से शुरू होने की उम्मीद है। यह ऑर्डर उन बायर्स के लिए उम्मीद और भरोसे की एक नई किरण लेकर आया है जो सालों से इंतज़ार कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की खास बातें
- नोएडा अथॉरिटी का बैन 30-45 दिनों में हटा लिया जाएगा। -डेवलपर बकाया रकम का 20% दो महीने में और बाकी 80% तीन साल में छह किश्तों में देगा।
- 30 दिनों में बदला हुआ मास्टर प्लान, 45 दिनों में मंज़ूरी।
- 20 दिनों में बिल्डिंग प्लान की मंज़ूरी।
- तीन साल में स्पोर्ट्स की सुविधाएँ, पाँच साल में पूरा हाउसिंग प्रोजेक्ट।
- सिक्योरिटी के लिए 20% यूनिट पर नोएडा का लियन।
- मार्च 2020 से मार्च 2022 तक ज़ीरो पीरियड का फ़ायदा, लेट फ़ीस माफ़।
- 100% पेमेंट और कंस्ट्रक्शन पूरा होने के बाद ही OC (ऑक्यूपेंसी सर्टिफ़िकेट)।
- डेवलपर JV या को-डेवलपर ला सकता है।
- शर्तों का उल्लंघन होने पर अथॉरिटी अलॉटमेंट कैंसिल कर सकती है।
खरीदारों के लिए सबसे बड़ा फायदा
- कंस्ट्रक्शन फिर से शुरू होने की उम्मीद।
- साफ टाइमलाइन और ट्रांसपेरेंसी।
- पैसे के दबाव से राहत।
- ग्रीन स्पेस और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सुविधाओं वाली प्रीमियम जगहों पर घर।

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