बीमारियों से बचाना होगा महंगा
बीमारियों से बचाना होगा महंगा। ...और पढ़ें

मोहम्मद बिलाल, नोएडा : पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सिलेंडर की महंगाई की मार के बीच एक अप्रैल से दवाओं के दाम भी बढ़ेंगे। इसका असर भी जनता पर पड़ेगा, क्योंकि जिले में प्रतिदिन 2.50 करोड़ रुपये के दवा का कारोबार होता है। उच्च रक्तचाप, बुखार, हृदय रोग, त्वचा रोग आदि की दवा महंगी होने से मरीजों की जेब और ढीली होगी।
अप्रैल से पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक, दर्द निवारक, एंटी वायरल समेत अन्य दवाओं की कीमत 10.7 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी। कैंसर, मधुमेह, किडनी, लिवर, हेपेटाइटिस, उच्च रक्तचाप समेत अन्य बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं के दाम भी बढ़ जाएंगे।
दवा निर्माताओं के अनुसार कच्चा माल ज्यादातर चीन से आता है। आपूर्ति प्रभावित होने पर जर्मनी और सिगापुर से कच्चा माल लाया जा रहा है। कच्चा माल महंगा होने की वजह से जो नान शेड्यूल्ड दवा सरकार के अधीन नहीं आती हैं, वह पहले से ही काफी महंगी हैं, जो दवा सरकार के अधीन आती हैं, हर साल होल सेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर सरकार उसकी कीमत तय करती है।
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दवा का नाम प्रधानमंत्री जेनेरिक दवा के दाम ब्रांडेड दवा के दाम
टेल्मा एएम 22 256
टेल्मा 40 11 222
ओलमेट-40 33 180
आम्लोडेपिन-5 एमजी 5 44
आम्लोप्रेस एटी 6 148
मिनीप्रेस एक्सएल 5 एमजी 28 569
मेटोकार्ड-50 9 65
टेल्मा-एच 15 290
कार्डेक-5 11 132
कान्कर-5 33 106
(नोट-उपरोक्त सभी दवाएं रक्तचाप की हैं)
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दवा का नाम, प्रधानमंत्री जेनेरिक दवा का दाम, ब्रांडेड दवा का दाम
एमरिल एम-2 24 248
एमरिल 2 एमजी 5 192
जालरा 50-500 70 325
ग्लाइकोमेट-500 6 17
ग्लाइकोमेट एसआर-500 11 43
पायोज-15 8 63
ग्लाइजेड-60 40 120
(नोट-उपरोक्त सभी दवाएं मधुमेह की है।)
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दवा का नाम प्रधानमंत्री जेनेरिक दवा का दाम ब्रांडेड दवा दाम
पेन-डी(गैस) 20 190
पेरासिटामाल डोलो-650 एमजी (बुखार) 13 30
सिट्राजिन (एंटी एलर्जिक) 5 18
वालिनी(दर्द क्रीम) 22 105
एजिथ्रोमाइसिन (एंटीबायोटिक) 22 120
मोबीजोक्स (मांसपेशियों में दर्द) 43 216
जीरोडाल-एसपी (दर्द निवारक) 17 507
आगमेंटिन-625 (एंटीबायोटिक) 51 121
शेलकाल-500 (कैल्शियम) 13 108
डी-3 पाउच (विटामिन डी-3) 9 54
(नोट-सामान्य बीमारियों की दवाएं)
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वर्जन-
शेड्यूल दवाओं में जरूरी दवाएं शामिल होती हैं। इसमें ऐसी दवाएं होती हैं, जिनकी कीमतें दवा कंपनियां स्वयं से नहीं बढ़ा सकती हैं। इनकी कीमतें बढ़ाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती हैं।
- वैभव बब्बर, ड्रग इंस्पेक्टर, गौतमबुद्ध नगर
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उत्पादन लागत अधिक होने से कारोबार पर भी असर पड़ रहा था। इसके कारण दवा के दाम बढ़ाने की मांग की गई थी।
- सुशील कुमार अग्रवाल, दवा निर्माता
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जिले में 2500 से अधिक मेडिकल स्टोर हैं। इनसे प्रतिदिन 2.50 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। सरकार को चाहिए प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए। जिससे लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकें।
- अनूप खन्ना, अध्यक्ष, जिला केमिस्ट एसोसिएशन
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कोरोना काल में सबसे ज्यादा मांग एंटी एलर्जिक और मल्टीविटामिन दवाओं की रही। जाहिर सी बात है कि दवाओं के दाम बढ़ने से इसका असर मरीजों पर पड़ेगा।
- अरविद वैश्य, दवा विक्रेता

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