Road Safety: कोहरे के साथ प्रदूषण की धुंध से रहें सावधान, ट्रैफिक नियमों का करें पालन
सर्दियों में कोहरे और प्रदूषण के कारण दृश्यता घटने से दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। परिवहन विभाग वाहनों में रिफ्लेक्टर लगवा रहा है और चालकों से यातायात नियमों का पालन करने की अपील कर रहा है। फॉग लाइट का सही उपयोग करने, लेन में चलने और ट्रक चालकों को आराम करने की सलाह दी जा रही है। जागरूकता शिविरों के माध्यम से भी चालकों को जागरूक किया जाएगा।

कोहरे के बीच गुजरते वाहन। फाइल फोटो
नंद कुमार, नोएडा। बढ़ते कोहरे में दृश्यता कम होने पर हादसे बढ़ते हैं। हादसों में सबसे अधिक लापरवाही वाहन चालकों की होती है। दृश्यता कम होने पर तेज रफ्तार, रिफ्लेक्टर नहीं होने से वाहन नजर नहीं आना हादसे की वजह बनता है।
दैनिक जागरण की ओर से ‘इन दौड़ती भागती सड़कों पर’ बीते कई दिनों से अभियान चलाकर हो रहे हादसे और उनकी वजहों की समीक्षा की जा रही है। सर्दियों में कोहरे के बीच हादसों को रोकने के लिए संवाददाता प्रवेंद्र सिंह सिकरवार ने उपसंभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) नंद कुमार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...
दिसंबर में कोहरा बढ़ेगा। ऐसे में हादसे बढेंगे। परिवहन विभाग की क्या तैयारियां हैं?
कोहरे में दृश्यता कम होती है। प्रदूषण की धुंध और इस पर गहरा प्रभाव डालती है। जितने भी वाहन फिटनेस के लिए आ रहे हैं सभी में रिफ्लेक्टर लगाए जा रहे हैं। कंपनियों और व्यावसायिक गतिविधियों में संचालित ट्रैक्टर-ट्रालियों में भी रिफ्लेक्टर टेप लगाए जा रहे हैं। वाहन चालकों से अपील है कि यातायात नियमों का जरूर पालन करें।
लोग फॉग लाइट क्यों नहीं जलाते या गलत जलाते हैं?
ज्यादातर गाड़ियों में फॉग लाइट दी जाती हैं, लेकिन लोग या तो भूल जाते हैं या हाई बीम जलाकर सोचते हैं कि ज्यादा रोशनी अच्छी है। हाई बीम सामने वाले ड्राइवर को चौंधिया देती है और कोहरे में रोशनी बिखरकर दृश्यता और कम कर देती है। इसीलिए फाग लाइट जलाकर ही गाडी चलाएं। लेन ड्राइविंग को अपनाकर ओवरटेक करने से बचें।
ट्रक ड्राइवर हादसों की सबसे बडी वजह बनते हैं। हाइवे और एक्सप्रसवे पर इसके लिए क्या तैयारी हैं?
ट्रक ड्राइवर रात भर चलाते हैं, थकान होती है, कई के पास फॉग लाइट तक नहीं होती। सबसे बड़ी समस्या रिफ्लेक्टर टेप की कमी है। ट्रकों के पीछे रिफ्लेक्टर लगा है लेकिन गंदा है। इसकी वजह से पीछे से आ रहे वाहन चालक को जानकारी नहीं होती है। टोल प्लाजा और विश्राम स्थलों पर जांच कर ट्रक और अन्य वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है। नींद आने पर वाहन को किनारे किसी ढाबे या अन्य जगहों पर रोककर आराम करें।
शहर की आंतरिक सड़कों पर लेन मार्किंग मिट चुकीं हैं। यह समय से पूर्व सुधर पाएंगी?
लेन मार्किंग मिटने को लेकर अलग-अलग संबंधित प्राधिकरणों को ठीक कराने के लिए कहा गया है। यह कार्य शुरू भी हो गया है। विभाग की ओर से एक बार फिर इस संबंध में जानकारी ली जाएगी।
वाहन चालकों के लिए कोई विशेष जागरूकता शिविर या अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे? विभाग की ओर से क्या अपील की जाएगी?
हां, वाहन चालकों के साथ जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। हाई की जगह लो बीम लाइट जलाने के साथ निर्धारित गति में वाहन चलाने की अपील की जाएगी। लेन न बदलकर, बाएं लेन में ही रहें। हर दो घंटे में 15 मिनट वाहन रोककर आंखों को आराम दें। रिफ्लेक्टर जैकेट या टेप लगाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
क्या फॉग डिटेक्शन सिस्टम या ऑटोमैटिक ब्रेकिंग से मदद मिल सकती है?
नई लग्जरी गाड़ियों में एडीएएस (एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम) होता है जो कोहरे में भी काफी हद तक मदद करता है। यहां अधिकांश गाडियां पुरानी हैं। इसलिए अभी सबसे बड़ा सहारा ड्राइवर की सावधानी ही है। लोगों को समझना होगा कि जल्दबाजी में कहीं पहुंचना जान को जोखिम बन सकती है। अगर बहुत जरूरी नहीं है तो कोहरा कम होने के बाद ही अपने गंतव्य की ओर निकलें।
आने वाले दिनों में परिवहन विभाग क्या कदम उठा रहा है?
दिसंबर और जनवरी में कोहरा सबसे अधिक होता है। प्रवर्तन कर्मी हर जगह तैनात होंगे। क्रेन और एम्बुलेंस समेत आकस्मिक सुविधाओं को जरूरी जगहों पर तैनात किया जाएगा। सभी टोल प्लाजा पर कोहरे से सुरक्षा के लिए पंफलेट बांटे जाने की तैयारी है। मैसेज के माध्यम से अलर्ट सिस्टम शुरू होगा। परिवहन विभाग के सोशल मीडिया हैंडल पर भी वाहन चालकों के लिए जागरूकता संदेश और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी होते रहेंगें।
मेरी जनपद वासियों और वाहन चालकों से अपील है कि नशा या नींद में वाहन न चलाएं। सड़कों पर अधिकांश हादसे वाहन चालकों की लापरवाही से होते हैं। जान कीमती है लापरवाही से बचें।
नंद कुमार, उपसंभागीय परिवहन अधिकारी, गाैतमबुद्ध नगर

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