'नेट जीरो’ लक्ष्य की ओर बढ़ता भारत: रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो का हुआ आगाज, 700 से अधिक प्रदर्शकों ने लिया भाग
ग्रेटर नोएडा में रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो के 18वें संस्करण का शुभारंभ हुआ, जिसका विषय 'नेट जीरो प्राप्त करने के लिए मार्ग का निर्धारण' है। भारत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करने की ओर अग्रसर है। ओडिशा अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा दे रहा है। एक्सपो में 700 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया, जिससे भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता का प्रदर्शन हुआ।

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो के उद्घाटन पर उपस्थित अतिथि।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। भारत की अक्षय ऊर्जा यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित करते हुए इन्फार्मा मार्केट्स इन इंडिया ने बृहस्पतिवार को इंडिया एक्सपो मार्ट में रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया एक्सपो के 18वें संस्करण का शुभारंभ किया।
इसके साथ ही द बैटरी शो इंडिया के तीसरे संस्करण का भी आयोजन शुरू हुआ। ‘नेट जीरो प्राप्त करने के लिए मार्ग का निर्धारण’ की थीम पर केंद्रित तीन दिवसीय एक्सपो भारत के स्वच्छ ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र में वैश्विक सहयोग, नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है।
इस मौके पर ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) के महानिदेशक डा. विभा धवन, रिन्यूएबल एनर्जी नोडल एजेंसी ओडिशा सरकार के प्रमुख देबाशीष दास, एचआरएच प्रिंस आफ कंबोडिया नारिथिपोंग नोरोडोम, यूरोपीय संघ उप प्रतिनिधिमंडल प्रमुख डा. इवा सुवारा, जर्मनी के राजदूत डा. फिलिप एकरमैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग मध्य प्रदेश सरकार मनु श्रीवास्तव, आइएमईए अध्यक्ष पीटर हाल, इन्फार्मा मार्केट्स इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास, वरिष्ठ समूह निदेशक रजनीश खट्टर आदि उपस्थित रहे।
मनु श्रीवास्तव ने कहा कि भारत ने 2.70 रुपये प्रति यूनिट की दर पर चौबीसों घंटे सौर-प्लस-स्टोरेज बिजली प्रदान करने का एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है। 440 मेगावाट सौर-प्लस-स्टोरेज परियोजना ने यह स्थापित किया है कि भारत में सौर ऊर्जा गैर-सौर घंटों के दौरान भी विश्वसनीय रूप से आपूर्ति की जा सकती है।
देबाशीष दास ने कहा कि ओडिशा विकसित ओडिशा 2026 और विकसित भारत 2047 के साथ संरेखित ओडिशा अक्षय ऊर्जा नीति के तहत परिवर्तन के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। 2.25 लाख वर्ग किलोमीटर के जल जलाशयों में फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं और पंप स्टोरेज अवसरों के माध्यम से अक्षय ऊर्जा को प्राथमिकता दे रहे हैं।
डा. विभा धवन ने कहा कि भारत पहले ही 127 गीगावाट की स्थापित सौर क्षमता हासिल कर चुका है और 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ रहा है। टेरी में दशकों से किए गए अनुसंधान, क्षमता निर्माण और साझेदारियों का उद्देश्य भारत की अनुमानित 10,800 गीगावाट सौर क्षमता को साकार करना और ग्रामीण विकास को गति देने वाले एग्री-फोटोवोल्टिक माडल को आगे बढ़ाना है।
1000 वैश्विक विचारकों ने लिया भाग
योगेश मुद्रास ने कहा कि भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता 2025 में 250 गीगावाट को पार कर गई है, और 2030 तक 500 गीगावाट का लक्ष्य है। विद्युत मंत्रालय ने 30 गीगावाट आवर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए 5,400 रुपये की योजना को मंजूरी दी है, जिससे 2028 तक 33,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।
एक्सपो में 700 से अधिक प्रदर्शकों, 1,000 ब्रांडों और 250 वैश्विक विचारकों ने भाग लिया, जिसने तीन दिनों में 35,000 से अधिक आगंतुकों शिरकत करेंगे।

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