Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोएडा-ग्रेटर नोएडा में रेड जोन में AQI, हवा में बढ़ा प्रदूषण और कागजों में नियम बंद 

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 11:19 AM (IST)

    नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रेड जोन में पहुंच गया है, जिससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। प्रदूषण नियंत्रण के नियम केवल कागजों तक सीमित हैं, जिनका जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं दिख रहा। नियमों के उल्लंघन के बावजूद अधिकारियों की निष्क्रियता से जनता परेशान है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रही है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। दिल्ली एनसीआर के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 400 को पार कर गया है। इसके कारण दिल्ली-एनसीआर के शहरों में ग्रेप का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है, जिससे निर्माण कार्य, बीएस तीन व बीएस चार मानकों वाले वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध, विध्वंस कार्य और सड़क निर्माण जैसे कार्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बावजूद इसके बुधवार को ग्रेटर नोएडा में खुले में कूड़ा फेंका गया, कूड़े में आग लगाई गई और बिना ढ़के निर्माण सामग्री का आवागमन होता दिखा और साइटों पर निर्माण कार्य भी बेरोकटोक होता हुआ दिखाई दिया। इस दौरान ग्रेप तीन के नियमों कागजों में हांफता हुआ मिला। जिम्मेदारों की कार्रवाई भी नदारद रही।

    दरअसल, बुधवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के शाम चार बजे जारी बुलेटिन के मुताबिक दिल्ली का एक्यूआई 418 (गंभीर श्रेणी) रेड जोन में दर्ज हुआ। ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 387 (खराब श्रेणी) रेड जोन में और नोएडा का एक्यूआई 408 (गंभीर श्रेणी) रेड जोन में दर्ज हुआ।

    एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की रोकथाम व एहतियात के तौर पर 400 से अधिक एक्यूआई दर्ज होने पर ग्रेप का तीसरा चरण लागू हो जाता है। वहीं आइक्यू एयर एप पर दो दिन पहले एक्यूआई का स्तर 700 तक पहुंच गया था। ऐसे में प्रदूषण विभाग, प्राधिकरण समेत अन्य स्थानीय निकाय की जिम्मेदारी ग्रेप तीन के तहत पाबंदियों को लागू कराना होता है, लेकिन बुधवार को ग्रेटर नोएडा में इसका कोई असर नहीं दिखा। उल्टा शहर के सेक्टर-36, साइट पांच, सूरजपुर समेत अन्य स्थानों पर खुले में निर्माण सामग्री रखा हुआ मिला। 

    ग्रेप तीन के तहत लगती हैं ये पाबंदी

    • गैर जरूरी निर्माण कार्य, ध्वस्तीकरण, पुराने डीजल वाहनों पर पाबंदी
    • सीमेंट, बालू जैसे सामानों की आवाजाही पर रोक लग जाती है
    • अंतरराज्यीय डीजल बसों पर भी रोक लग जाती है
    • स्टोन क्रशर और खनन संबंधी गतिविधियों पर रोक
    • आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों पर रोक

    नॉलेज पार्क एक में खुले में कूड़ा जलता हुआ मिला। नवादा गांव और सेक्टर-36 के समीप ट्रैक्टर ट्राली में खुले में निर्माण सामग्री का परिवहन होता हुआ दिखा। इस मामले में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्रा ने कहा कि प्राधिकरण के साथ मिलकर आठ टीमें गठित की गई है। वह लगातार निगरानी कर रही है। वहीं प्राधिकरण के जीएम आरके भारती का कहना है कि टीम लगातार निरीक्षण कर ग्रेप के नियमों का पालन करा रही है। पानी का छिड़काव के साथ जुर्माना भी लगाया जा रहा है।