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    अमेरिकी नागरिकों से ठगी की रकम से नोएडा भेजे गए थे शिपमेंट, स्थानीय वीओआईपी और ईमेल से हत्थे चढ़ा गिरोह

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 05:00 AM (IST)

    नोएडा में अमेरिकी नागरिकों से ठगी की रकम शिपमेंट के माध्यम से भेजी गई थी। स्थानीय वीओआईपी और ईमेल के माध्यम से इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने गिरो ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    मुनीश शर्मा, नोएडा। अमेरिकी नागरिकों के सोशल सिक्योरिटी नंबर का दुरुपयोग कर मनी लांड्रिंग व ड्रग्स डिलीवरी में उपयोग होने का डर दिखाकर ठगने वाला गिरोह नोएडा में रहकर सितंबर 2022 से वारदात कर रहा था। गिरोह अमेरिकी नागरिकों से उपहार कार्ड, क्रिप्टो करेंसी वाॅयलेट और हांगकांग के बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करा रहे थे।

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    गिरोह के छह सदस्य सीबीआई के हत्थे चढ़े

    आठ महीने डिजिटल अरेस्ट रख महिला से ठगी रकम से शिपमेंट नोएडा और ग्रेटर नोएडा के पते पर कथित अमेरिकी सरकारी एजेंट के नाम पर भेजे गए थे। एफबीआई की करीब दो साल की जांच के दौरान सीबीआई को नोएडा के वीओआईपी, ईमेल, डिवाइस आईडी की जानकारी दी गई। इससे गिरोह के छह सदस्य बुधवार और बृहस्पतिवार को सीबीआई के हत्थे चढ़े थे।

    क्रिप्टो करेंसी वाॅयलेट में रकम ट्रांसफर कराई

    अमेरिका के मैरीलैंड की रहने वाली हांग ली को गिरोह ने आठ जून, 2023 को ईमेल भेजकर सोशल सिक्योरिटी नंबर का मनी लांड्रिग व ड्रग्स डिलीवरी में उपयोग होने के चलते गिरफ्तारी का डर दिखाया था। ईमेल में दिए नंबर से संपर्क कर हांग ली को एक फरवरी 2024 तक डिजीटल अरेस्ट कर हांगकांग के बैंक खाते व क्रिप्टो करेंसी वाॅयलेट में रकम ट्रांसफर कराई थी। उनका सिस्टम एनीडेस्क पर लेकर क्रेडिट कार्ड से खरीदकर सामान नोएडा सेक्टर 45 स्थित गार्डेनिया ग्लोरी सोसायटी के फ्लैट नंबर 1401 पते पर भेजे गए थे।

    पीड़ितों ने अमेरिकी पुलिस से शिकायत की

    पीड़िता के पूछने पर कथित अमेरिकी सरकारी एजेंट होने की बात कही थी। पीड़िता से 17 लाख डालर की ठगी की थी। इसी तरह डिजीटल अरेस्ट कर ठगों ने मैरीलैंड की लिसा येन जिओर्डानो से भी 10 लाख डालर, जर्मनटाउन के सहदेव कोइराला से 18 हजार अमेरिकी डालर की ठगी की थी। पीड़ितों ने अमेरिकी पुलिस से शिकायत की थी।

    एफबीआइ ने जांच शुरू की तो वीओआइपी काल, आइपी एड्रेस और ईमेल ग्रेटर नोएडा वेस्ट के पैरामाउंट इमोशंस टावर के सी-1301 के जयप्रकाश जगवान, शुभम सिंह, तमस्री चौधरी और नोएडा सेक्टर 45 स्थित गार्डेनिया ग्लोरी सोसायटी के धर्मेंद्र कुमार लखन के निकले।

    क्राइम नेटवर्क खंगाल रही सीबीआई

    इसी इनपुट पर सीबीआई ने नोएडा दिल्ली व कोलकाता में छापेमारी की। नोएडा से शुक्रवार को शुभम सिंह उर्फ डामनिक, डाल्टनलियन उर्फ माइकल, जार्ज टी. जामलियनलाल उर्फ माइल्स, एल. सेइमिनलन हाओकिप उर्फ रोनी, मंगखोलुन उर्फ मैक्सी, राबर्ट थांगखान्खुआल उर्फ डेविड उर्फ मुनरोइन को गिरफ्तार किया।

    पूछताछ में पता चला है कि शुभम अपने साथी धर्मेंद्र कुमार, लखन जयप्रकाश जगवानी, तमाश्री चौधरी और कुछ अज्ञात के साथ मिलकर सितंबर 2022 से दिल्ली, नोएडा और अन्य स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम नेटवर्क नेटवर्क चला रहे थे। सीबीआई इनकी असली पहचान और अन्य साथियों की तलाश में जुटी है।

    इन साक्ष्यों से मिली सफलता

    सीबीआई की जांच में सामने आया है कि ठग वीओआइपी, ईमेल, मोबाइल आदि का प्रयोग कर रहे थे। जांच में आइपी एड्रेस, गूगल अकाउंट, डिवाइस आइएमइआइ नंबर व मैक आईडी की जानकारी प्राप्त की गई। इससे कड़ी दर कड़ी जोड़कर शिकंजा कसा गया।

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