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    नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 200 से ज्यादा बेरोजगारों को झांसा देकर ठगने वाले तीन गिरफ्तार

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 09:54 PM (IST)

    नोएडा पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये सदस्य अनुज और रोमेश नामक सेंटर मालिकों को बैंक खातों की जानकारी देते थे। आरोप है कि ये गिरोह बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर उनसे पैसे ऐंठता था। पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड और अन्य सामान बरामद किया है। गिरोह ने 200 से ज्यादा लोगों को ठगा है।

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    फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। फेज-वन पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले गिरोह के तीन और सदस्यों को सोमवार रात सेक्टर-16 से गिरफ्तार किया है। आरोपित सदस्य सेंटर मालिक अनुज कुमार और रोमेश को विभिन्न बैंक के खातों की जानकारी उपलब्ध कराते थे।

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    तीनों शातिर बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर रकम की डिमांड कर उनसे गाढ़ी कमाई ऐंठते थे। पुलिस ने तीनों से सात मोबाइल फोन, चार डेबिट कार्ड, तीन सिमकार्ड, एक पासबुक, एक फिनो काम्बो बैंक किट, कंपनी के चार फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, तीन स्टांप मोहर व एक चेक बुक बरामद की है।

    सहायक पुलिस आयुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि अलीगढ़ के क्वार्सी निवासी विशाल राघव, वसुंधरा सेक्टर-16 का आमिर उस्मानी व दिल्ली लक्ष्मी नगर निवासी वरुण कुमार को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में बताया कि विशाल अपने साथी आमिर उस्मानी और वरुण कुमार के साथ मिलकर बैंक खाते, डेबिट कार्ड, चेक बुक व प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड खरीदता था। बाद में वह विभिन्न बैंक खातों की जानकारी फर्जी काल सेंटर के मालिक अनुज कुमार व रोमेश को देता था।

    अनुज और रोमेश बेरोजगार लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। अभी तक इन्होंने 200 से ज्यादा लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। शातिर विशाल अपने पास बैंक की पासबुक, चेकबुक, डेबिट व क्रेडिट कार्ड रखकर नकदी निकालता था। फिर ठगी की रकम से अपना कमीशन काटकर अनुज और रोमेश को देता था।

    तीनों मिलकर अनुज और रोमेश को बैंक खाते व सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे जबकि वरुण काल सेंटर में जाब प्लेसमेंट की एवज में बेरोजगारों का पंजीकरण कराकर उनसे प्रोसेसिंग शुल्क वसूला जाता था। इसके अलावा वह एक स्वतंत्र काल सेंटर भी संचालित करता था, जिससे बेरोजगार व्यक्तियों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता और उनसे धनराशि वसूलता था। पूछताछ के बाद पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों को तलाश रही है।