तीन शिक्षकों के भरोसे 800 स्टूडेंट्स के एग्जाम, रिजल्ट में कैसे आएगी पारदर्शिता?
नोएडा के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण कक्षा 1 से 8 तक की छमाही परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। कई स्कूलों में तीन से चार शिक्षक ही परीक्षाएं करा ...और पढ़ें

नोएडा के स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण कक्षा 1 से 8 तक की छमाही परीक्षाएं प्रभावित हो रही हैं। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नोएडा। जिले में बुधवार से कक्षा 1 से 8 तक की छमाही परीक्षाएं शुरू हो गईं। स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पारदर्शिता के साथ परीक्षाएं कराना मुश्किल हो रहा है। तीन से चार शिक्षकों ने ही परीक्षाएं कराईं। जिले के एक स्कूल में 400 से 800 से अधिक छात्र हैं, जिसमें एक शिक्षक पर 267 छात्रों की जिम्मेदारी है।
इसके चलते स्कूल प्रबंधन ने एक क्लासरूम में दो से तीन कक्षाओं के छात्रों को बैठाकर परीक्षाएं कराईं। परीक्षाएं दो शिफ्ट में कराई गईं। छमाही परीक्षाओं के नतीजों से छात्रों की सालाना परीक्षाओं की तैयारी का भी आकलन किया जाएगा।
इससे स्कूल के नतीजों पर असर पड़ सकता है। पहले दिन मौखिक और लिखित परीक्षाएं कराई गईं। हालांकि, पिछले कई दिनों से स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण सिलेबस पूरा नहीं हो पाया है।
इसके चलते सालाना परीक्षाओं के साथ-साथ छमाही परीक्षाओं के नतीजों पर भी असर पड़ सकता है। पहले दिन अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग विषयों की परीक्षाएं कराई गईं। ये परीक्षाएं 15 दिसंबर तक चलेंगी। स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि एक क्लासरूम में दो कक्षाओं के छात्रों को बैठाकर परीक्षाएं कराई जा रही हैं।
इसलिए, कोई भी ट्रांसपेरेंसी बनाए रखना मुश्किल है। बच्चों को कभी-कभी डांट पड़ती है, लेकिन ज़्यादा स्टूडेंट्स को कंट्रोल नहीं किया जा सकता।
स्कूल में 806 स्टूडेंट्स हैं। सिर्फ तीन से चार टीचर ही एग्जाम लेंगे। हर टीचर 267 स्टूडेंट्स के लिए जिम्मेदार होगा।
-शशि बाला, प्रिंसिपल, जूनियर कम्पोजिट स्कूल, गिझोर

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